National : सुप्रीम कोर्ट नाराज, झूठे विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और बालकृष्ण को थमाया अवमानना नोटिस, जानें पूरा मामला - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सुप्रीम कोर्ट नाराज, झूठे विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और बालकृष्ण को थमाया अवमानना नोटिस, जानें पूरा मामला

Renu Upreti
2 Min Read
Contempt notice served to Baba Ramdev and Balkrishna in false advertisement case
Contempt notice served to Baba Ramdev and Balkrishna in false advertisement case

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि मामले में सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव को अवमानना नोटिस जारी किया है। अदालत ने बाबा रामदेव को दो सप्ताह के बाद कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने रामदेव के साथ-साथ पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण को भी तलब किया है। कोर्ट में हाजिर ना होने पर नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके परिणाम भुगतने होंगे।

बता दें कि कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के कथित झूठे दावे वाले विज्ञापन को लेकर यह ऑर्डर सुनाया है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव को नोटिस जारी कर अदालत में बुलाया था। 27 फरवरी 2024 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण और रामदेव से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। इसके साथ ही भ्रामक विज्ञापन पर रोक भी लगा दी थी। लेकिन रामदेव और बालकृष्ण की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।

कोर्ट में क्या- कुछ कहा?

सुप्रीम कोर्ट मे दोनों पक्षों के वकील मौजूद रहे। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के वकील मुकुल से पूछा कि आपने अभी तक जवाब क्यों नहीं दिया। अब आपके मुवक्किल को अदालत में पेश होने के लिए कहेंगे। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अब हम रामदेव को भी पक्षकार बनाएंगे और दोनों को अदालत में पेश होने को कहेंगे।

वहीं कोर्ट ने आयुष मंत्रालय को भी फटकार लगाई और पूछा कि एक दिन पहले जवाब दाखिल क्यों नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने अदालत को बताया कि उन्हें जवाब व नए हलफनामे को लेकर और समय चाहिए। अदालत ने रामदेव को भी नोटिस जारी किया और पूछा कि क्यों न कोर्ट की अवमानना के तहत मुकदमा चलाया जाए।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों में अपने प्रोडक्ट्स के जरिए एलोपैथिक दवा जैसा प्रभाव का झूठा दावा किया जा रहा है।

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