कच्चाथीवू द्वीप के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी की जुबानी जंग तेज हो गई है। इस बीच कांग्रेस ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को कहा कि पीएम मोदी होमवर्क करके नहीं आते हैं।
हल्की बातें करना पीएम को शोभा नहीं देता
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि साल 2015 में मोदी सरकार ने कच्चाथीवू द्वीप के मुद्दे पर आरटीआई के जवाब में कहा था कि न कोई जमीन श्रीलंका को दी, न कोई जमीन ली। पीएम मोदी को क्या तब तक नहीं पता कि 2014 तक इस आइलैंड के पास फिशिंग राइट्स थे। 2014 के बाद फिशिंग राइट्स क्यों चले गए। इसका जवाब पीएम मोदी और बीजेपी को देना चाहिए। पवन खेड़ा ने कहा कि ऐसी हल्की बातें करना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता।
वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणु गोपाल ने कहा कि ये बीजेपी की ध्यान भटकाने वाली रणनीति है। वहीं, राज्य सांसद पी चिदंबरम ने कहा कि यह बेतुका आरोप है।
चिदंबरम ने क्या कहा?
चिदंबरम ने कहा, यह समझौता 1974 और 1976 में हुआ था। पीएम मोदी आरटीआई में दिए गए हालिया जवाब के आधार पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि उन्हें 27 जनवरी 2015 के आरटीआई के जवाब को देखना चाहिए, जब जयशंकर विदेश सचिव थे। उस जवाब में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि बातचीत के बाद यह द्वीप अंतरराष्ट्रीय सीमा के श्रीलंकाई हिस्से में है। इंदिरा गांधी ने क्यों स्वीकार किया कि यह श्रीलंका का है? क्योंकि श्रीलंका में छह लाख तमिल पीड़ित थे और वह भारत आना चाहते थे। इस समझौते के बाद छह लाख तमिल भारत आए और वे यहां सभी मानवाधिकारों का आनंद ले रहे हैं।