Highlight : आतंकियों के लिए खौफ का दूसरा नाम थे कर्नल आशुतोष, कइयों को लगाया ठिकाने, 2 बार सेना मेडल से सम्मानित - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

आतंकियों के लिए खौफ का दूसरा नाम थे कर्नल आशुतोष, कइयों को लगाया ठिकाने, 2 बार सेना मेडल से सम्मानित

Reporter Khabar Uttarakhand
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appnu uttarakhand newsजम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में रविवार को देश ने दो अफसरों समेत पांच जवान खो दिए। पांच जवानों में एक उत्तराखंड के लांस नायक दिनेश भी शामिल थे। वहीं खबर है कि घंटों चले सेना के ऑपरेशन में सेना के जांबाजों ने लश्कर के टॉप कमांडर को मार गिराया है।

कर्नल आशुतोष शर्मा अगुवाई में चला ऑपरेशन, यूपी के रहने वाले थे कर्नल

बता दें कि एनकाउंटर में शहीद जवानों में कर्नल आशुतोष शर्मा भी शामिल थे, जिनकी अगुआई में भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ कई ऑपरेशनों को अंजाम दिया है और उन्हें सबक सिखाया है। कर्नल आशुतोष कोई आम शख्स नहीं हैं बल्कि उन्होंने कई आतंकियों को धूल चटाया औऱ मार गिराया। कहा जाता है कि आशुतोष शर्मा आतंकियों के लिए खौफ का दूसरा नाम थे।कर्नल आशुतोष शर्मा का परिवार जयपुर में रहता है। जिनमें शहीद आशुतोष की पत्नी पल्लवी और बेटी है। शहीद का परिवार मूलत बुलंदशहर का रहने वाला है। जो करीब 20 साल पहले जयपुर आ गया था।

दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं आशुतोष

बता दें कि 21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर रहे कर्नल आशुतोष अपने आतंक रोधी अभियानों में साहस और वीरता के लिए दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं। इतना ही नहीं शहीद आशुतोष कर्नल रैंक के ऐसे पहले कमांडिंग अफसर थे, जिन्होंने पिछले पांच साल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान गंवाई हो। इससे पहले साल 2015 के जनवरी में कश्मीर घाटी में आतंकियों से लोहा लेने के दौरान कर्नल एमएन राय शहीद हो गए थे। इसके अलावा, उसी साल नवंबर में कर्नल संतोष महादिक भी आतंकियों के खिलाफ अभियान में शहीद हो गए थे।

आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी के लिए दो बार सम्मानित

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कर्नल आशुतोष शर्मा काफी लंबे समय से गार्ड रेजिमेंट में रहकर घाटी में तैनात थे और वह आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी के लिए दो बार सेना मेडल से सम्मानित किए जा चुके हैं। आतंकियों को सबक सिखाने के लिए वह जाने जाते थे। कई आतंकियों को उन्होंने मार गिराया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शहीद आशुतोष शर्मा को कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर अपने कपड़ों में ग्रेनेड छिपाए हुए आतंकी से अपने जवानों की जिंदगी बचाने के लिए वीरता मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। दरअसल, जब एक आतंकी उनके जवानों की ओर अपने कपड़ों में ग्रेनेड लेकर बढ़ रहा था, तब शर्मा ने बहादुरी का परिचय दिया था और आतंकी को काफी नजदीक से गोली मारकर अपने जवानों की जान बचाई थी। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान भी शामिल थे।

गौरतलब है कि आज यानी रविवार को आशुतोष शर्मा के अलावा, हंदवाड़ा एनकाउंटर में मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लायंस नायक दिनेश ने भी जान गंवाई हैं। इसके अलावा इस अभियान में दो आतंकी भी ढेर हुए हैं।

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