Big News : प्रदेश में बजट सत्र को लेकर घमासान, विपक्ष ने सरकार पर लगाया बड़ा आरोप - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

प्रदेश में बजट सत्र को लेकर घमासान, विपक्ष ने सरकार पर लगाया बड़ा आरोप

Yogita Bisht
3 Min Read
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उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र आयोजित करने की तिथि का ऐलान हो चुका है। प्रदेश में 26 फरवरी से लेकर एक मार्च तक विधानसभा का बजट सत्र देहरादून में ही आयोजित होगा। बजट सत्र में सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट पास करवाएगी।

जनता की नजरें आम बजट पर

प्रदेश वासियों की नजरें भी लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले आम बजट पर लगी हुई है कि सरकार क्या कुछ सौगात आम जनता को आम बजट में देती है। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि सरकार युवाओं, महिलाओं और किसानों को ध्यान में रखते हुए बजट पेश करेगी। बजट कितने का होगा इसका पहले कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव आएगा कि सरकार कितने का बजट पेश करने जा रही है।

पांच दिनों तक चलेगा बजट सत्र

विधानसभा का बजट सत्र पांच दिनों तक चलेगा। 26 फरवरी को जहां राज्यपाल का अभिभाषण होगा तो वहीं 27 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा भी होगी। जिसके बाद 27 फरवरी को ही सरकार सदन के पटल पर बजट को पेश करेगी। यानी 26 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण ही सदन में होगा। जबकि 27 फरवरी से एक मार्च तक केवल चार दिन में सरकार राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा भी कराएगी और बजट पर चर्चा कराकर बजट भी पास कराएगी।

सत्र की कम अवधि को लेकर विपक्ष लगाए गंभीर आरोप

बजट सत्र की कम अवधि पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है कि उत्तराखंड में निरंतर साल भर के औसत में विधानसभा आयोजित करने का जो सिलसिला है उसके ग्राफ में कमी आ रही है। फिर भी सरकार बजट सत्र की अवधि बढ़ाने की बजाय कम कर रही है।

विपक्ष का कहना है कि इससे प्रतीत होता है कि सरकार ज्यादा दिन के बजट सत्र करने से डरती है। जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि सत्र बिजनेस के हिसाब से आयोजित होता है। यानी जितना संसदीय काम-काज होगा उसी हिसाब से सत्र आयोजित किया किया जाता है ।

बीते सालों में सत्र आयोजित करने की अवधि में आई कमी

उत्तराखंड में सत्र आयोजित करने की अवधि में वास्तव में कमी आई है। जो कि वास्तव में चिंता का विषय है। जनता से जुड़े जो मुद्दे सदन में उठना चाहिए वो कम समय अवधि के लिए सत्र आयोजित होने के चलते सदन में उठ नहीं पाते हैं। यहां तक विधायकों के ही कई सवाल भी नहीं उठ पाते हैं जो उनके विधानसभा क्षेत्र से जुड़े हुए होते हैं।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।