Uttarakhand : ट्रैफिक नियमों के प्रति बच्चों को कराया जाएगा जागरूकता, RTO ने किया मिनी ट्रैफिक पार्क तैयार - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

ट्रैफिक नियमों के प्रति बच्चों को कराया जाएगा जागरूकता, RTO ने किया मिनी ट्रैफिक पार्क तैयार

Sakshi Chhamalwan
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OVERSPEED PAR KATEGA SANP

अगर आप शहर की सड़क या हाईवे से गुजर रहे हैं और सड़कों पर स्पीड बोर्ड नहीं है तो आप किस स्पीड से अपना वाहन चला सकते हैं? इसके साथ ही बच्चों को ट्रैफिक नियमों के बारे में आरटीओ विभाग अब खेल- खेल में प्रैक्टिकल के साथ ही नियमों की जानकारी देने का काम करने जा रहा है। ताकि बच्चे भी यातायात नियमों के प्रति जागरूक हो सके।

ट्रैफिक नियमों के प्रति कराया जाएगा जागरूकता

सड़क हादसों के आंकड़ों में आए दिन इजाफा हो रहा है। इसमें युवाओं की संख्या अधिक है। युवाओं का ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना या इसकी जानकारी ना होना हादसे की वजह बन रही है। ऐसे में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता लाने के लिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। एक ऐसा ही प्रयोग परिवहन विभाग देहरादून भी करने जा रहा है।

मिनी ट्रैफिक पार्क तैयार

आरटीओ विभाग के कार्यालय में पिछले कई सालों से सीज की गई कबाड़- गाड़ियां खड़ी रहती थी। उन गाड़ियों को नीलाम करने के बाद उस जगह को उपयोगी बनाया गया है। इस परिसर मिनी ट्रैफिक पार्क बनाया गया है और इस मिनी ट्रैफिक में स्कूली बच्चों और आम लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाएगी।

मिनी ट्रेफिक पार्क में दोपहिया वाहन ट्रैक भी हैं। इसके अलावा साप सीडी भी बनाई गई है। इस खेल के जरिए ट्रैफिक नियम बनाए जाएंगे। बिना हेलमेट वाहन चलाने या ओवरलोडिंग करने या फिर रेड लाइट जंप करने पर सांप काटेगा और अंक घट जाएंगे। शीर्ष पर पहुंचने पर यदि गाड़ी चलाते समय शराब का सेवन मोबाइल का इस्तेमाल या फिर ओवर स्पीड होती है तो सांप दोबारा काटेगा और अंक कम हो जाएंगे।

स्कूली बच्चों को खिलाया जाएगा खेल

आरटीओ विभाग इस खेल के लिए स्कूलों से संपर्क करके 40-40 बच्चों का बैच बनाकर विभाग में यातायात से संबंधित खेल खिलाकर जागरूक करने का प्लान बनाया है। वहीं जब हम हाईवे या शहर के बीच में चलते हैं तो सड़क किनारे स्पीड का बोर्ड नहीं लगा होता है। जिसके बाद हम सोच में पड़ जाते हैं कि गाड़ी किस स्पीड में चलानी है। इस गलतफहमी के कारण कई बार ओवर स्पीड सीसीटीवी कैमरे की मदद से चलानी कार्रवाई हो जाती है।

शहर के अंदर इस रफ्तार से चलाए वाहन

इसके लिए आरटीओ विभाग कार्यालय के परिसर में मिनी ट्रेफिक पार्क बनाया गया है। उसमें शहर के अंदर या फिर हाईवे पर किस स्पीड से गाड़ी चलानी है उसके बारे में भी जानकारी दी गई है। आरटीओ विभाग द्वारा दी जानकारी के मुताबिक अगर सड़क किनारे स्पीड बोर्ड नहीं लगा होता है तो आपको शहर के अंदर 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी चलानी है। वहीं हाईवे पर 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी चलानी होगी। इस रफ्तार से गाड़ी चलाने के बाद ओवर स्पीड पर आपका चालान नहीं होगा।

आरटीओ विभाग ने दी राहत

वर्तमान में डीएल के लिए लर्निंग लाइसेंस का टेस्ट आरटीओ कार्यालय में कंप्यूटर पर बहुविकल्पीय सवालों के जवाब देकर होता है। परमानेंट डीएल टेस्ट के लिए शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर झाझरा आईडीटीआर जाना पड़ता है। यहां ड्राइविंग ट्रैक पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में टेस्ट होता है। शहर से दूर होने के कारण 50 साल से ऊपर के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

प्रस्ताव पर परिवहन मुख्यालय की मुहर लगना बाकी

50 साल से ऊपर के जो लोग डीएल रिनुअल के लिए झाझरा जाने में दिक्कत महसूस करते हैं या महिलाएं जो घर से इतनी दूर नहीं जा पाती इसके साथ ही 16 से 18 साल के बच्चों को भी आरटीओ विभाग ने राहत दी है। आरटीओ ने प्रस्ताव बनाया है कि इन सभी वर्गों को झाझरा जाने से राहत दी जाए। उसके लिए आरटीओ विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर परिवहन मुख्यालय भेजा है। मुख्यालय से स्वीकृति मिलते ही जल्द ही इनका टेस्ट आरटीओ कार्यालय में शुरू कर दिया जाएगा।

इनपुट- हिमांशु चौहान

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।