Uttarakhand : वीडियो लाइक और क्रिप्टो पेमेंट के नाम पर हो रही ठगी, STF ने जारी की एडवाइजरी, पढ़ें बचाव के टिप्स - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

वीडियो लाइक और क्रिप्टो पेमेंट के नाम पर हो रही ठगी, STF ने जारी की एडवाइजरी, पढ़ें बचाव के टिप्स

Sakshi Chhamalwan
3 Min Read
cyber crime

प्रदेश में आए दिन साइबर ठगी की शिकायतों के बाद एसटीएफ ने इस तरह की ठगी से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। वीडियो लाइक और क्रिप्टो पेमेंट के नाम पर लगातार शिकायतों पर एसटीएफ का कहना है कि यह आज एक नया बढ़ता हुआ अपराध है। इसमें पीड़ित पैसे तो गंवाता ही है साथ-साथ दूसरों को लुभाने के लिए उसकी डिटेल भी शेयर कर दी जाती है।

तीन चरणों में की जाती है ठगी

जानकारी के मुताबिक मामले में एसएसपी आयुष अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकार की ठगी में पीड़ितों से तीन चरणों में ठगी की जाती है। पहले चरण में पीड़ित को व्हाट्सएप या टेलीग्राम के माध्यम से सन्देश भेजा जाता है। जहां कुछ वीडियो और यूट्यूब पसंद करने के लिए कहा जाता है। प्रत्येक के लिए 50 रुपए का भुगतान किया जाता है।

इसके बाद पीड़ित को वीडियो पसंद का स्क्रीनशॉट भेजने के लिए कहा जाता है। पीड़ित व्यक्ति को पेमेंट के लिए यूपीआई आईडी मांगी जाती है। शुरुवात में उसे डेढ़ सौ से दौ सौ रुपए तक दिए जाते हैं।

दूसरे चरण में पीड़ित को एक मैनेजर से मिलने के लिए टेलीग्राम पर आने को कहा जाता है। जहां हर दो से तीन लोगों को शामिल होने के लिए निश्चित कमीशन दी जाती है। जब पीड़ित आश्वस्त हो जाता है तो उसका विश्वास जितने के लिए पांच से दस हजार का भुगतान किया जाता है।

तीसरे चरण में पीड़ित के साथ यूपीआई आईडी या क्रिप्टो वॉलेट शेयर किए जातें हैं और उनसे लाखों का निवेश करने को कहा जाता है। पीड़ित व्यक्ति को लालच दिया जाता है कि उसे राशि की निकासी के लिए न्यूनतम क्रेडिट प्वाइंट की जरुरत है। जिसके बाद पीड़ित लालच में आकर लाखों का भुगतान कर ठगी का शिकार हो जाता है।

साइबर ठगी से बचाव के लिए टिप्स

  • किसी भी निवेश योजना की पेशकश करने वाले सोशल मीडिया पर किसी भी अज्ञात नंबर को ब्लॉक और रिपोर्ट कर दें।
  • किसी भी व्यक्ति के साथ अपने लेनदेन का इंटरनेट गतिविधि के स्क्रीनशॉट को शेयर ना करें।
  • प्रोजेक्ट मैनेजर, टीचर या फिर ट्रेनर के साथ किसी भी निवेश घोटाले से थोड़ा सावधान रहें।
  • इंटरनेट कॉल के आधार पर किसी भी योजना में निवेश करने से बचें।
  • हमेशा फिजिकल वेरिफिकेशन से कंपनी योजना का सत्यापन करें और अपराधियों की तरफ से भेजे गए स्क्रीन शॉट पर बिलकुल भी भरोसा न करें।
Share This Article
Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।