बीते दिनों गढ़वाल के टिहरी से शुरू होकर कुमाऊं के रानीखेत तक पहुंची भाजपा नेताओं की आपसी अंतरकलह का भाजपा हाईकमान ने अब संज्ञान लेते हुए 5 नेताओं को पार्टी मुख्यालय तलब किया गया। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा नेताओं को तलब करने के बाद नेताओं के सुर ही बदल गए हैं।
नेताओं से प्रदेश अध्यक्ष ने मांगा जवाब
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव भले ही संपन्न हो चुका हो लेकिन सियासी पारा गिरने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की आपसी अंतरकलाह पार्टी की खूब फजीहत करा रही है। बीते दिनों टिहरी से भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय, हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दिनेश धनै और भाजपा नेता खीम सिंह चौहान के बीच आपसी खींचतान के बाद रानीखेत से भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल और दर्जाधारी मंत्री कैलाश पंत के बीच का मामला सामने आया। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सभी नेताओं को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में तलब किया और सभी से जवाब मांगा गया।
अब बदले बड़बोले नेताओं के सुर
बता दें की टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय और पूर्व मंत्री दिनेश धनै के बीच टेंडर मामले को लेकर आपसी खींचतान देखने को मिली। उसके बाद रानीखेत से विधायक प्रमोद नैनवाल ने दर्जाधारी मंत्री कैलाश पंत पर मंत्री बनने के नाम पर 30 लाख की ठगी का आरोप लगाया। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के जवाब मांगने के बाद इन सभी नेताओं के सुर बदल गए हैं। संगठन के तलब करने के बाद पांचों नेताओं के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने सभी को दिए सख्त निर्देश
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सभी नेताओ के साथ बैठक कर सभी को सख्त निर्देश देते हुए अपनी बात पार्टी प्लेटफॉर कर रखने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा जो भी बात किसी नेता को रखनी है वो पार्टी प्लेटफार्म पर ही रखी जाए। सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से बात रखे जाने पर इसको अनुसाशनहीनता मना जाएगा और ऐसा भविष्य में दोबारा न हो इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष द्वारा कड़े निर्देश सभी दिए गए हैं।