Big News : कोरोना के बाद उत्तराखंड में नॉन स्टॉप बारिश का कहर, ग्रामीणों में दहशत का माहौल, चमोली में ये रास्ते बंद - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कोरोना के बाद उत्तराखंड में नॉन स्टॉप बारिश का कहर, ग्रामीणों में दहशत का माहौल, चमोली में ये रास्ते बंद

Reporter Khabar Uttarakhand
3 Min Read
Chamoli big breaking

Chamoli big breaking

चमोली : बृहस्पतिवार देर रात से हो रही नॉन स्टॉप बारिश ने चारों तरफ़ कहर बरपा के रख दिया है। जिले के लगभग सभी प्रमुख मोटर मार्ग आवागमन के लिए बंद हैं या खतरनाक बने हुए हैं।जबकि ग्रामीण इलाकों की सड़कों को यातायात के लिए सुचारु करने में हफ्तों लग सकते हैं। इस पूरे बरसात में सड़कों के ऐसे ही बंद पड़ने के आसार हैं, क्योंकि अधिकांश सड़कों पर चोडीकरण,सुधारीकरण आदि के नव निर्माण कार्य होने से पहाडों को बेतरतीबी से काटा गया है।जो बारिश में लोगों को मुसीबतों के सबब बन गए हैं।

बद्रीनाथ हाइवे पर चमोली के पास क्षेत्रपाल में पहाड़ी से बोल्डरों के गिरने से टैक्सी वाहन क्षतिग्रस्त हुआ। चालक और दूसरे लोगों ने कूदकर अपनी जान बचाई। कर्णप्रयाग-गैरसैण-भराडीसैंण मोटर मार्ग पर सड़क पर पानी और मलवे में वाहन फंसे हैं। गैरसैंण के आगरचट्टी गांव में रामगंगा का जल स्तर बढ़ने से वहां के 13 परिवारों को प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर सिफ्ट किया गया।

पिण्डरघाटी के थराली के बैनोली गांव में भी पिण्डर नदी के जल स्तर की भयावहता को देखते हुए प्रशासन ने गांव के 14 परिवारों को स्कूल में शिफ्ट किया। कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग नारायणबगड़ और नलगांव के पास देर रात नौ बजे देहरादून-देवाल रोडवेज बस और दूसरे वाहनों के फंस जाने पर पुलिस और राजस्व विभाग ने रेस्क्यू कर यात्रियों को सकुशल बचाया।20 यात्रियों को नलगांव के स्कूल में रखा गया है।

रोडवेज बस में 20 ऐसे युवक थे जो सेना में भर्ती होने ज्वाइनिंग के लिए गये थे।इन युवाओं को एक होटल में रखा गया है।सभी यात्रियों की खाने और रहने की व्यवस्था प्रशासन कर रहा है। कर्णप्रयाग-सिमली में पिण्डर नदी के किनारे बना महिला बेस हास्पिटल नदी के जल स्तर बढ़ने से हो रहा कटाव से आया खतरे की जद में। तो वहीं पिण्डर नदी के किनारे अस्थाई रूप से कानूनगो चोकी में संचालित हो रहा नारायणबगड़ तहसील भी पिण्डर नदी के बहाव की जद में है। खैनोली गांव में भी देर रात हुए बज्रपात से लोगों के खेत और कई गौशालाएं जमीदोंज हुई। तो स्यूंटा गांव के नीचे सडक के कटान से भारी भूस्खलन होने से गांव खतरे की जद में है।

ग्रामीण इलाकों से भी लोगों के खेत खलिहानों, चौक,आंगन,मकानों के टूटने की भी भारी सूचनाएं आ रही है। नदी-नालों के बढे़ हुए जल स्तरों को देखते हुए जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने लोगों को किया हाई अलर्ट। नारायणबगड़ में नौपानी के पास रात को आकाशीय बिजली गिरने से कर्णप्रयाग ग्वालदम मोटर मार्ग ध्वस्त हो गया है।

घाट तहसील में पुराने बाजार को नन्दाकिनी नदी का जल स्तर बढने एक बार फिर बना खतरा।पिछले बरसात में भी यहां पर कई दुकानें और आवासीय भवन बह गए थे।

Share This Article