कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को पीएम और लिबरल पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडाई पीएम ने कहा कि वह नए प्रधानमंत्री बनाए जाने तक पद पर बने रहेंगे। देश में सांसदों के बढ़ते विरोध की वजह से ट्रूडो को इस्तीफा देना पड़ा।
जस्टिन ट्रूडो ने कहा मैं पार्टी के नेता के रुप में प्रधानमंत्री के रुप में इस्तीफा देता हूं, जब तक पार्टी अपने अगले नेता को चुनेगी तब तक मैं पद पर बना रहूंगा। कल रात मैंने लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से उस प्रक्रिया को शुरु करने के लिए कहा।
मुझे एक पछतावा है- ट्रूडो
इस्तीफे के ऐलान के बाद मीडिया ने ट्रूडो से पूछा कि क्या उन्हें पछतावा है? इस पर कनाडाई पीएम ने कहा, मुझे एक पछतावा है कि मैं चाहता हूं कि हम इस देश में अपनी सरकारों को चुनने के तरीके को बदलने में सक्षम हों। निवर्तमान प्रधानमंत्री का सुझाव है कि वह चाहते थे कि वोटर्स मतपत्रों पर अपनी दूसरी या तीसरी वरीयता के वोट चुन सकें। ट्रूडो ने कहा कि मैं अकेला सिस्टम को नहीं बदल सकता था, इसके लिए मुझे सभी पार्टियों का साथ चाहिए था।
जस्टिन ट्रूडो ने अफसोस में क्या कहा?
जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि ऐसे तो उनके पास अफसोस करने के लिए बहुत कुछ है लेकिन मैं चाहता हूं कि हम इस देश में अपनी सरकारों को चुनने के तरीकों को बदल पाएं ताकि लोग एक ही बैलट पर आसानी से दूसरा विकल्प या तीसरा विकल्प चुन सकें। चुनावी प्रक्रिया में बदलाव कि ये आस असल में सिर्फ ट्रूडो की ही नहीं रह गई, बल्कि कनाडा में अन्य दो प्रमुख विपक्षी दलों के प्लान में भी ये शामिल है।
2015 में भारी बहुमत के साथ चुने गए थे ट्रूडो
जस्टिन ट्रूडो 2015 में भारी बहुमत के साथ चुनकर आए थे, और पहली बार कनाडा के प्रधानमंत्री बने थे। उनके कई चुनावी वादों में चुनावी प्रक्रिया में बदलाव भी शामिल था. दरअसल, कनाडा में भी भारत की ही तरह फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट सिस्टम से ही चुनाव होते हैं. 2019 के चुनाव में भी इसी प्रक्रिया के तहत मतदान हुए और ट्रूडो दूसरी बार जीतने में कामयाब हुए थे।