Big News : यूक्रेन से आया फोन, बेटा बोला...पापा यहां सब ठीक है और अचानक कट गया फोन - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

यूक्रेन से आया फोन, बेटा बोला…पापा यहां सब ठीक है और अचानक कट गया फोन

Reporter Khabar Uttarakhand
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# Uttarakhand Assembly Elections 2022

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यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग के बाद से राजधानी देहरादून में भी कई परिवारों में डर का माहौल है। लोगों को रो-रोकर बुरा हाल है। देहरादून समेत प्रदेश के दूसरे शहरों के बच्चे यूक्रेन में फंस हुए हैं। जिनका सुरक्षित निकालने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं। लेकिन, अब तका कोई सफलता नहीं मिल पाई है।

कुछ छात्रों की अपने परिजनों से मोबाइल पर बात भी हुई है। जिन्होंने वहां फिलहाल ठीक होने की बात कही है, लेकिन आज सुबह जो तस्वीरें सामने आई उसने परिजनों को डरा दिया है। राजकीय जिला कोरोनेशन अस्पताल में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ और प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी के बेटे अक्षत जोशी से मोबाइल पर बात हुई थी। अक्षत ने बताया कि इमरजेंसी लगने की वजह से मॉल में भीड़ है। लोग सामान जोड़ रहे हैं।

डॉ. जोशी की मानें तो उनके बेटे अक्षत ने बताया कि वहां पर पीने के पानी की किल्लत है। इसलिए पीने का पानी भी मॉल से बोतल खरीद कर लाना पड़ता है। जिससे यह समस्या बनी हुई है। अक्षत जोशी यूक्रेन के खारकिव शहर से एमबीबीएस कर रहे हैं। उनका एमबीबीएस का तीसरा वर्ष है।

यूक्रेन में बढ़ते चिंताजनक हालातों के मद्देनजर परिवार वालों के कहने पर अक्षत जोशी ने 27 फरवरी की फ्लाइट बुक कराई थी। कुछ देर बात होने के बाद अक्षत का फोट कट गया। और फोन नहीं लगने से माता-पिता बेचौन हैं। 28 फरवरी को उसे भारत पहुंचना था। कीव में रूसी सेना के घुसने की वजह से फ्लाइट पर भी संकट खड़ा हो गया है।

खारकीव से 9-10 घंटे की दूरी तय कर फ्लाइट से कीव आना था। उसके बाद कीव से उसे भारत के लिए फ्लाइट पकड़नी थी। फिलहाल उनके समेत कई छात्रों और अन्य लोगों के भारत आने पर संकट बना हुआ है। और यहां देहरादून में उनका परिवार चिंता में है। यूक्रेन की राजधानी कीव समेत लिवीव, खारकीव जैसे शहरों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए देहरादून से गए छात्र और छात्राओं के परिजन उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

परिजन चाहते हैं कि जल्द से जल्द यूक्रेन में फंसे उनके बच्चों को भारत सुरक्षित लाया जाए। हाथीबड़कला केंद्रीय विद्यालय में अध्यापिका रश्मि बिष्ट का बेटा सूर्यांश सिंह बिष्ट यूक्रेन के लिवीव मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। रश्मि को भी बेटे की चिंता सताने लगी है।

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