उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा की सियासी लड़ाई राजनीति से आगे बढ़कर रिश्तों तक पहुंच गई है। एक ताजा घटना के अनुसार बसपा ने अपने एक नेता को सिर्फ इसलिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया क्योंकि उन्होनें अपने बेटे की शादी सपा विधायक की बेटी से की है।
वहीं जब सोशल मीडिया में इस तरह की खबरें चली तो बसपा ने बयान जारी किया है। बसपा ने कहा कि इस तरह के आरोप गलत हैं और पार्टी नेता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है क्योंकि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे।
बसपा नेता बने सपा नेता के संबधी
बता दें कि बसपा नेता का नाम सुरेंद्र सागर है और उन्होनें अपनी बेटी की शादी सपा विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से की है। सुरेंद्र सागर बरेली में बसपा के बड़े नेताओं में से एक हैं और पांच बार रामपुर में पार्टी के अध्यक्ष रह तुके हैं। वह दर्जा राज्य मंत्री भी रहे हैं। सुरेंद्र सागर के साथ रामपुर में बसपा की जिला इकाई के अध्यक्ष प्रमोद सागर को भी पद से हटा दिया गया है और कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
28 नवंबर को अंबेडकर नगर में हुई शादी
यह शादी 28 नवंबर को अंबेडकर नगर में हुई थी। इस शादी में सपा मुखिया अखिलेश यादव भी आए थे। बता दें कि त्रिभुवन दत्त इससे पहले बसपा में थे। त्रिभुवन दत्त अंबडकर नगर से सपा के विधायक औस सांसद भी रह चुके हैं।
बसपा ने क्या कहा?
बसपा ने कहा कि कौन किस पार्टी के लोगों के साथ रिश्ता बना रहा है, उसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। लोग इस बात के लिए आजाद हैं कि वे जहां चाहे वहां रिश्ता कर सकते हैं। लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की है कि सुरेंद्र सागर को इस शादी की वजह से निकाला गया है।
सुरेंद्र नागर ने किया मना
हालांकि सुरेंद्र सागर ने साफ कहा है कि वह किसी भी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं थे और उन्हें सिर्फ इस वजह से पार्टी से निकाला गया है क्योंकि उनकी बेटे अंकुर की शादी सपा विधायत की बेटी से हुई है।
इससे पहले भी बसपा ने किए कई नेता बाहर
हालांकि इससे पहले भी नवंबर में बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के कई बड़े पदाधिकारियों को पार्टी नेता मुनकाद अली के बेटे की शादी में शामिल होने पर पार्टी से बाहर कर दिया था। मुनकाद अली सपा के वरिष्ठ नेता कादिर राणा के रिश्तेदार हैं। मुनकाद अली की बेटी सपा के टिकट पर मीरापुर से विधानसभा उपचुनाव लड़ रही थी और बसपा भी यह उपचुनाव लड़ रही थी।