Dehradun : कम उम्र की महिलाओं में भी है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, जागरुकता की है जरूरत - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कम उम्र की महिलाओं में भी है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, जागरुकता की है जरूरत

Reporter Khabar Uttarakhand
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BREAST CANCER

भारत में हर आठ महिलाओं में से एक को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बना हुआ है। ऐसे में महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुक करने की जरूरत है।

मैक्स अस्पताल देहरादून की ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट की सलाहकार डा. रुनु शर्मा और डा. अमित सकलानी ने शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान महिलाओं में स्तन कैंसर को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से कई तथ्य साझा किए।

महिलाओं में आम होता जा रहा ये स्तन कैंसर

मैक्स अस्पताल के डाक्टर्स की माने तो भारत में जीवन शैली, पर्यावरणीय कारकों और बढ़ते जीवन काल के परिवर्तन के कारण कैंसर का बोझ बढ़ रहा है। स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर है और इसे स्व-जांच और नियमित जांच से समय पर इसे पहचाना जा सकता है।

डाक्टर्स ने 40 साल से अधिक आयु वाली महिलाओं को समय-समय पर जांच करवाने की सलाह दी है ताकि समय पर निदान और प्रभावी इलाज किया जा सके। डाक्टर्स की माने तो ये कैंसर युवा महिलाओं में भी देखा जा रहा है लिहाजा ये धारणा अब नहीं बनाई जा सकती है कि ये कैंसर सिर्फ वृद्ध महिलाओं में ही होता है।

40 फीसदी मामलों में आते हैं ऐसे कैंसर

मैक्स हॉस्पिटल, देहरादून में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. सौरभ तिवारी के मुताबिक, भारत में हर साल स्तन कैंसर के लगभग 100,000 नए मामले सामने आते हैं, जिनमें से 60% से अधिक का पता एडवांस स्टेज  में चलता है, जो जीवित रहने की दर और उपचार को प्रभावित करता है। डाक्टर सौरभ बताते हैं कि हाल के वर्षों में, विशेष रूप से महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों में बहुत वृद्धि देखी गई है और 40% मामलों में इस प्रकार का कैंसर के रोगी आते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए मैक्स अस्पताल अक्टूबर को स्तन कैंसर जागरुकता माह के रूप में मना रहा है। वहीं मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून में  विभिन्न  क्लीनिकों के साथ एक कैंसर ट्यूमर बोर्ड भी बनाया गया  है। जिसमें सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट,  रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट शामिल होते हैं। यह बोर्ड  रोगियों को आपस में जुड़े विविध, और निष्पक्ष राय सुनिश्चित करता है। जिससे बेहतर नैदानिक परिणाम और उच्च रोगी संतुष्टि की  प्राप्ति  होती है।

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