Big News : देवभूमि के इन वीर सपूतों के शौर्य का सम्मान , 8 फरवरी को मिलेगा वीरता पदक - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

देवभूमि के इन वीर सपूतों के शौर्य का सम्मान , 8 फरवरी को मिलेगा वीरता पदक

Sakshi Chhamalwan
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UTTARAKHAND VIRTA PADAK VIJETA

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सेना की मध्य कमान के अलंकरण समारोह 2023 में उत्तराखंड के दो सपूतों को भी वीरता पदक से नवाजा जाएगा। यह कार्यक्रम 8 फरवरी को मध्य प्रदेश स्थित जबलपुर छावनी में आयोजित होगा। हरिद्वार निवासी हवलदार शहीद सोनित कुमार सैनी को यह सम्मान मरणोपरांत मिलेगा। तो वही ,कुमाऊं रेजिमेंट के हवलदार भूपेंद्र चंद को सहस का परिचय देने के लिए सेना मैडल से सम्मानित किया जाएगा।

सेना के सूत्रों के मुताबिक, मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी भारतीय सेना के 12 अधिकारियों, सैन्यकर्मियों को वीरता पुरस्कार, 22 विशिष्ट सेवा पुरस्कार और 16 जीओसी-इन-सी यूनिट प्रशंसा के साथ चार सूर्य कमांड ट्रॉफी प्रदान करेंगे।

शहीद सोनित कुमार ने बचाई थी 7 जवानों की जान

सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि हरिद्वार निवासी हवलदार सोनित कुमार सैनी जम्मू-कश्मीर के पूर्वी सेक्टर में ऑपरेशन चौका के लिए हाई एल्टीट्यूड एरिया में प्लांट इक्विपमेंट प्रोजेक्ट में वाहन चलाते थे। 24 सितंबर 2021 को जेसीबी से लदा वाहन एक अंधे मोड़ की ओर आ रहा था। रास्ते में एक कार भी खड़ी थी। तभी वहां तैनात हवलदार सोनित कुमार सैनी ने देखा कि सात जवानों को लेकर जा रहा एक सैन्य वाहन खड़ी ढलान पर इन दोनों वाहनों के बीच फंस गया।

अपनी सूझबूझ से सोनित कुमार ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने साथी जवान नायक गुरजंट सिंह के साथ अपना वाहन सेना के दूसरे वाहन से दूर 500 फीट गहरी खाई की ओर मोड़ दिया। इसके बाद सातों जवानों की जिंदगी तो बच गई। लेकिन, उनका वाहन गहरी खाई में गिरने से सोनित कुमार और गुरजंट सिंह शहीद हो गए।

भूपेंद्र चंद ने आतंकियों का किया था सामना

ऊधमसिंह नगर निवासी भूपेंद्र चंद कॉम्बैट एक्शन टीम के साथ 11 अक्टूबर 2021 की रात गांदरबल जिले में ड्यूटी दे रहे थे। सुबह साढ़े चार बजे आतंकवादियों ने खुले में तैनात सैनिकों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं। सेना ने जवाबी फायरिंग की तो आतंकवादी भाग निकले। लेकिन, हवलदार भूपेंद्र चंद ने फायरिंग कर भाग रहे आतंकवादियों का न सिर्फ सामना किया बल्कि अदम्य साहस से हमला विफल कर दिया। इस अदम्य साहस को देखते हुए उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया जा रहा है।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।