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भूषण कुमार पर लगे रेप के आरोप पर बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला, टी-सीरीज़ के मालिक की बढ़ी मुश्किलें

Reporter Khabar Uttarakhand
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BHUSHAN KUMAR

टी-सीरीज़ के मालिक भूषण कुमार पर रेप के आरोप लगाए गए थे। एक 30 साल की महिला ने भूषण पर रेप का आरोप लगाया था। महिला के अनुसार साल 2017 से 2020 तक उन्होंने महिला को काम दिलाने का झांसा देकर दुष्कर्म किए। जिसके बाद भूषण कुमार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत बलात्कार का केस दर्ज हुआ था।

इसके बाद महिला ने भूषण पर लगाए आरोपों को वापस लेने का फैसला किया। इसी के चलते भूषण ने केस रद्द करने के लिए कोर्ट में अपील की थी । जिसके बाद अब मुंबई हाई कोर्ट ने इस बात पर असहमति जताई है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा ये

साल 2021 में जुलाई के महीने में भूषण कुमार ने रेप केस को रद्द करने की अपील कोर्ट में की थी। भूषण ने इस आधार पर केस रद्द करने की मांग की थी की पीड़िता ने इस पर सहमति दी है। जिसमें अब हाई कोर्ट का फैसला आ गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्राथमिकी को रद्द करने पर कहा की पीड़िता ने आरोपों को वापस ले लिया इस वजह से बलात्कार का केस रद्द नहीं हो सकता।

बॉम्बे कोर्ट की जस्टिस ए. एस. गडकरी और पीडी नाइक की एक बेंच ने बताया की दोनों पार्टी इस केस को रद्द करने की सहमति में है इस वजह से केस रद्द नहीं होता। कोर्ट ने कहा की वो मामलें की जांच करेगी। एक बार फिर कोर्ट द्वारा FIR देखी जाएगी। स्टेटमेंट्स जो रिकॉर्ड किए गए थे उन्हें  फिर से परखा जाएगा। तभी तय होगा की ये अपराध था या नहीं।

भूषण कुमार के वकील ने दी सफाई

इस मामलें में भूषण कुमार के वकील निरंजन मुंदरगी ने सफाई देते हुए कहा की 2017 के इस केस के लिए साल २०२१ के जुलाई महीने में FIR दर्ज कराई गई थी । आगे वकील ने बताया की पुलिस ने इस मामलें में अदालत में बी-समरी रिपोर्ट फाइल की थी।

बता दें  बी-समरी रिपोर्ट तब फाइल की जाती है जब पुलिस को पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोपों  के खिलाफ कोई सुराग या सबूत नहीं मिलता। इसके साथ ही कोर्ट ने मैजिस्ट्रेट के दिए गए आर्डर को भी देखा। जिसमें मजिस्ट्रेट द्वारा बी समरी रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया गया था।

इस तारीख को होगी अगली सुनवाई

 हाई कोर्ट ने बुधवार को FIR और महिला द्वारा केस रद्द करने के लिए सहमति वाले हलफनामे को देखा। कोर्ट ने बताया इन सभी चीज़ों को देखते हुए ये नहीं लगता की आरोपी और महिला के बीच सम्बन्ध दोनों की सहमति से बने थे।

इस केस में कोर्ट ने मामला रद्द करने की असहमति जताई। इस पर भूषण के वकील ने इस मामलें में सामग्री पेश करने का समय मांगा। जिसपर कोर्ट ने दो जुलाई 2023 की सुनवाई की  डेट बताई।

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