Highlight : उपचुनाव में भाजपा की रणनीति हुई फेल, क्या रही हार की वजह और कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी ? - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उपचुनाव में भाजपा की रणनीति हुई फेल, क्या रही हार की वजह और कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी ?

Yogita Bisht
3 Min Read
बीजेपी की पहली लिस्ट BJP's first list released for Lok Sabha elections https://khabaruttarakhand.com/jayant-sinha-will-not-contest-elections/
BJP's first list released for Lok Sabha elections

उत्तराखंड उपचुनाव में भाजपा की रणनीति पूरी तरह से फेल साबित हुई है। बद्रीनाथ और मेंगलौर दोनों ही विधानसभा सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। जिनमें से सबसे अहम सवाल ये कि आखिर बीजेपी की हार की वजह क्या रही और इस हार की जिम्मेदारी कौन लेगा ?

उपचुनाव में भाजपा की रणनीति हुई फेल

उत्तराखंड की बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर सत्ताधारी दल भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के बाद भाजपा का विजय रथ रुक सा गया है। क्योंकि भाजपा पिछले 8 साल से लगातार सत्ता में है और इन 8 सालों में जितने भी उपचुनाव हुए भाजपा ने जीत हासिल की है।

भाजपा इस बार के उपचुनाव में भी जीत को लेकर कॉन्फिडेंट दिख रही थी। लेकिन इस उपचुनाव में बीजेपी की रणनीति पूरी तरह से फेल साबित हुई है और दोनों ही सीटों पर भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। जिसके बाद सवाल ये उठ रहा है कि इस हार की जिम्मेदारी कौन लेगा।

उपचुनाव में मिली हार को लेकर उठ रहे सवाल

पिछले चुनावों में जीत का श्रेय लेने वाले संगठन और सरकार के सामने भी हार की जिम्मेदारी को लेकर बड़ी दुविधा आ सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट पर भी सवालों के घेरे में है। क्योंकि महेंद्र भट्ट का विधानसभा क्षेत्र बद्रीनाथ है। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में महेंद्र भट्ट को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन उपचुनाव में मिली हार को लेकर सवाल उठना लाजमी है।

उम्मीदवारों के चयन को भी माना जा रहा वजह

उपचुनावों में उम्मीदवारों के चयन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रत्याशियों के गलत चयन की वजह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। चर्चाएं तो ये भी हैं इस उपचुनाव में सीएम धामी द्वारा यूसीसी जैसे बड़े फैसले भी क्या जनता को नहीं लुभा पाई या उपचुनाव में मोदी लहर काम नहीं आई?

बात करें मंगलौर सीट की तो बीजेपी भले ही मंगलौर उपचुनाव को पूरी ताकत से लड़ रही थी। लेकिन उसे खुद भी जीत की उम्मीद कम ही थी। क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस और बसपा का ही कब्जा रहा है। आज तक कभी बीजेपी मंगलौर के किले को भेद नहीं पाई है। मंगलौर में हुई हार की जिम्मेदार कहीं ना कहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी माना जा रहा है। हरिद्वार उनका संसदीय क्षेत्र है लेकिन बावजूद इसके त्रिवेंद्र सिंह रावत एक मजबूत पकड़ बानने में नाकाम रहे।

Share This Article
योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।