Big News : प्रदेश में जंगल की आग से हाहाकार, बीजेपी विधायक ने उठाए व्यवस्थाओं पर सवाल - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

प्रदेश में जंगल की आग से हाहाकार, बीजेपी विधायक ने उठाए व्यवस्थाओं पर सवाल

Yogita Bisht
4 Min Read
Dilip Singh Rawat

प्रदेश में जंगल की आग से बीते कुछ दिनों से हाहाकार मचा हुआ है। हालांकि बुधवार को हुई बारिश के बाद आग की घटनाओं में कमी आई है। बुधवार को सीएम ने लापरवाही बरतने वाले 17 अधिकारियों पर कार्रवाई की है। जिसके बाद बीजेपी विधायक ने इस मामले में सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसके लिए सीएम को पत्र लिखा है।

लापरवाही बरतने पर 17 अधिकारियों पर गिरी गाज

वनाग्नि की घटनाओं में लापरवाही बरतने पर 17 अधिकारियों पर गाज गिरी है। 10 अधिकारी और कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर आदेश जारी हुआ है। 2 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही पांच अधिकारियों को अटैच किया गया है।

बीजेपी विधायक ने उठाए व्यवस्थाओं पर सवाल

बीजेपी विधायक महंत दिलिप रावत ने उन्हें सूचना मिली कि उत्तराखण्ड में फैली भीषण आग को नियंत्रित ना करने क संबंध में कुछ निचले कर्मचारियों को लापरवाही बरतने में निलंबित किया गया है। इस मामले में उनकी व्यक्तिगत राय है कि निचले कर्मचारियों का निलंबन करने से पहले ये ध्यान देना जरूरी है कि क्या अग्नि सुरक्षा हेतु निचले स्तर पर पूरे कर्मचारी नियुक्त है?

क्या निचले स्तर पर अग्नि बुझाने हेतु पूरे संसाधन उपलब्ध हैं? धरातल पर मुझे यह भी अनुभव हुआ है कि फायर सीजन में रखे जाने वाले फायर वाचरों की संख्या पर्याप्त नहीं है। यदि होती भी है तो वह कागजों तक ही सीमित रहती है। निचले स्तरों पर फायर वाचरों हेतु उनकी सुरक्षा हेतु उचित संसाधन नहीं रहते है, और ना ही जंगलों में आग बुझाने के दौरान घटना स्थान पर उनके लिए भोजन आदि की उचित व्यवस्था रहती है। उन्होंने इस मामले का संज्ञान लेने की बात कही है।

फायर लाइन पर किया जाए काम

लैंसडोन विधायक ने कहा कि ब्रिटिश काल में वनों के बीच में अग्नि नियंत्रण हेतु फायर लाईन बनाई गई थी। जो कि आज समय में कहीं दिखाई नहीं देती है। जबकि वनों में आग लगने की स्थिति में ये फायर लाईन महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी। अतः उक्त फायर लाइन पर भी कार्य किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में कड़े वन अधिनियमों के कारण स्थानीय जनता वनों से दूर होती जा रही है और अनके मन में ये भाव पैदा हो गया है कि ये वन हमारे नहीं है।

व्यवस्थाओं से जनता का वनों के प्रति मोह भंग

विधायक ने कहा कि इन वनों के कारण हमें जन सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। जबकि ब्रिटिश काल में जंगलों की सुरक्षा जन सहभागिता के आधार पर की जाती थी। परन्तु उक्त व्यवस्थाओं से जनता का वनों के प्रति मोह भंग हो गया है। अतः इन बातों पर भी गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वो पहले भी इन समस्याओं के संबंध में विशेष सत्र आहूत की जाने की मांग कर चुके हैं लेकिन ये नहीं किया गया।

FOREST FIRE
बीजेपी विधायक द्वारा लिखा गया पत्र—–
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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।