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जांबाज की जयगाथा : पौड़ी में हुआ था बिपिन रावत का जन्म, पिता से विरासत में मिली थी बहादुरी-देशभक्ति का जज्बा

Reporter Khabar Uttarakhand
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BIPIN RAWAT

BIPIN RAWAT

 देहरादून : जनरल बिपिन रावत के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। बता दें कि 11 दिसंबर को होने वाली पीओपी में बिपिन रावत शिरकत करने वाले थे। लेकिन बीते दिन वो विमान क्रैश में शहीद हो गए। उनके साथ उनकी पत्नी और कुल 13 लोगों की मौत हो गई। जनरल बिपिन रावत का पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित रहा। आइये आपको बताते हैं जनरल रावत के जीवन से जुड़ी अहम जानकारियां..

दरअसल, बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में 16 मार्च 1958 को हुआ था। बिपिन रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहा है। उनके पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए। वहीं उनकी मां प्रदेश के उत्तरकाशी की रहने वाली थीं, जो पूर्व विधायक किशन सिंह परमार की बेटी थीं। जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं और शहीदों के आश्रितों की भलाई के अभियान में सक्रिय रहती थीं।BIPIN RAWAT

मिले कई मेडल

उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें ‘परम विशिष्ठ सेवा मेडल’ से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ठ सेवा मेडल आदि सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में हुए थे नियुक्त

जनरल रावत सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकसला के पूर्व छात्र थे। उन्होंने देहरादून और शिमला में पढ़ाई पूरी करने के बाद एनडीए से सेना में एंट्री ली थी। वे 1978 में सेना में शामिल हुए थे और दिसंबर 1978 में देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में नियुक्त किया गया था।
सर्जिकल स्‍ट्राइक से दुनिया में मनवाया था लोहा 
बिपिन रावत देश के दुश्मनों को जवाब देना बखूबी जानते थे। चाहे चीन-पाकिस्तान की बात हो या आतंकवाद की, बिपिन रावत इनसे निपटने में माहिर थे। बिपिन रावत को ऊंचाई पर जंग लड़ने और काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन यानी जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट के तौर पर जाना जाता था।

साल 2016 में उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद तत्कालीन आर्मी चीफ रावत के नेतृत्‍व में 29 सितंबर 2016 को पाकिस्‍तान में बसे आतंकी शिविरों को ध्‍वस्‍त करने के लिए सर्जिकल स्‍ट्राइक की गई थी।

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