झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि शिशु वार्ड में शुक्रवार की शाम 5 बजे के आसपास भी शॉर्ट सर्किट हुआ था। सूत्रों ने रिपोर्ट में बताया कि पहले वाले शॉर्ट सर्किट को अनदेखा किया गया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लापरवाही दिखाई। जिसके कारण इतना बड़ा अग्निकांड हुआ।
मिली जानकारी के मुताबिक, शिशु वार्ड में दूसरी बार 10: 45 मिनट पर शॉर्ट सर्किट हुआ। इसके बाद अस्पताल के NICU वार्ड में भीषण आग लग गई। ऐसे में सवाल उठता है कि जब शॉर्ट सर्किट शाम को हुआ तो फिर अस्पताल प्रशासन क्यों नहीं सचेत हुआ। अगर समय से पहले बच्चे वहां से हटा लिए जाते तो शायद बच्चों की जान बच जाती।
आग लगने के बाद नहीं बजा फायर अलार्म
एक रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि झांसी मेडिकल कॉलेज के NICU में आग लगने के बाद फायर अलार्म नहीं बजा। आग बुझाने के लिए वार्ड में रखे सिलेंडर किसी काम के नहीं थे। सिलेंडर पर 2019 की फिलिंग डेट है और एक्सपायरी 2020 की है। यानी फायर एक्सटिंग्विशर को एक्सपायर हुए 4 साल हो चुके थे। सिर्फ दिखाने के लिए यह सिलेंडर यहां रखे हुए थे।”
10 नवजात बच्चे जिंदा जले
बता दें कि झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चे जिंदा जल गए। शुक्रवार की रात करीब 10 बजकर 20 मिनट पर आग लगी। नवजात शिशुओं को एनआईसीयू से निकालने के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़े गए। 39 शिशुओं को बचाया गया है।