Big News : उत्तराखंड में कोरोना पर हुई बड़ी रिसर्च, हुए चौंकाने वाले खुलासे - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड में कोरोना पर हुई बड़ी रिसर्च, हुए चौंकाने वाले खुलासे

Reporter Khabar Uttarakhand
3 Min Read
Breaking uttarakhand news

Breaking uttarakhand newsदेहरादून : कोरोना पर दुनियाभर में कई तरह के शोध हो चुके हैं और कई शोध अब भी जारी हैं। हर शोध में हर बार नई जानकारी सामने आती है। ऐसा ही एक शोध एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में किया गया है। इस गणितीय आकलन में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। विश्वविद्यालय के एसआरटी कैंपस बादशाहीथौल के पूर्व निदेशक और भौतिक विज्ञान के प्रो.आरसी रमोला ने ससेप्टेबल-इंफेक्टेड-रिकवर्ड (SIR) मॉडल का उपयोग कर कोरोना पर शोध किया है।

इस तरह लिये आंकड़े
एसआईआर मॉडल की मदद से कोरोना वायरस संक्रमण की दर, मौत के आंकड़ों और ठीक हुए मरीजों के आंकड़ों का अध्ययन कर किया गया है। शोधपत्र को रिसर्चगेट के कोविड-19 अनुसंधान समुदाय की वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है। शोध में कोरोना संक्रमण के 30 जनवरी को मिले पहले मामले से लेकर लॉकडाउन काल के 20 मई तक के आंकड़े लिए गए हैं।

अगस्त माह के पहले सप्ताह
इसमें दावा किया गया है कि कोरोना अगस्त माह के पहले सप्ताह में कोरोना संक्रमितों की संख्या पीक पर पहुंचने के बाद कम होने लगेगी। शोध के आधार पर देशभर से दिसंबर अंत तक कोविड-19 का असर लगभग समाप्त हो जाएगा। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि आने वाले समय में आंकड़ों का स्वरूप बदल भी सकता है, जिससे वायरस के चरम पर पहुंचने और खत्म होने के अनुमानित समय में बदलाव भी हो सकता है।

ये है SIR मॉडल
ससेप्टेबल-इंफेक्टेड-रिकवर्ड (एसआईआर) मॉडल ब्रिटिश वैज्ञानिक कर्माक और मैक्केंडिक ने घनी आबादी क्षेत्र में संक्रामक महामारी का चरम पर पहुंचने से लेकर खात्मा होने तक का पता लगाने के लिए विकसित किया गया है। मॉडल से पूरी आबादी के तीन तरह के व्यक्तियों की बीमारी के आधार पर गणितीय गणना की जाती है।पहला अतिसंवेदनशील व्यक्ति, जो संक्रमित नही है, लेकिन संक्रमित हो सकते हैं। दूसरा, संक्रमित व्यक्ति, जिनको यह बीमारी होती है और इसे अतिसंवेदनशील तक पहुंचा सकते हैं। तीसरे, ठीक हुए अथवा मृत व्यक्ति, जो संक्रमित नही हो सकते हैं और दूसरों को बीमारी भी नही पहुंचा सकते हैं। इनका गणितीय विश्लेषण करने के बाद आकलन जारी किया जाता है।

Share This Article