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उत्तराखंड से बड़ी खबर : बिना अनुमति के होम आइसोलेट हुए तो होगा मुकदमा, इन नंबरों पर करें आवेदन

Reporter Khabar Uttarakhand
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Breaking uttarakhand news

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देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। खासकर राजधानी देहरादून में पिछले कुछ दिनों में रिकाॅर्ड नए मामले सामने आए हैं। राज्य में 10 से अधिक एक्टिव मरीज हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा देहरादून जिले के ही हैं। लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण कारण कोविड-19 के लिए आरक्षित सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के बेड फुल हो चुके हैं। अब सरकार के साथ नए पाॅजिटिव मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की चुनौती बढ़ गई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लिया है।

इन दिनों सरकारी लैबों से ज्यादा प्राइवेट लैबों में कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिल रहे हैं। इनमे काफी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें कोरोना पॉजिटिव आने के बाद ज्यादा दिक्कत नहीं है और वह खुद ही होम आइसोलेशन में चले जाते हैं। इसकी प्रशासन या कोरोना नोडल टीम से अनुमति नहीं ले रहे हैं। जबकि गाइडलाइन के अनुसार अनुमति लेना जरूरी है। नोडल अधिकारी ने बताया की सीएमओ कार्यालय, दून अस्पताल और कोविड केयर सेंटरों से रोजाना होम आइसोलेशन की अनुमति ऐसे मरीजों को दी जा रही है, जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं। हल्के लक्षण वालांे को अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। साथ ही कोरोना पॉजिटिव आने के बाद बिना सूचना होम आइसोलेट होने या सम्पर्क नंबर बंद करने वालों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जायेगा।

होम आइसोलेशन के लिए कोरोना मरीजों को अलग से आवेदन करना होगा। इसके लिए एक पूरी प्रक्रिया तैयार की गई है। बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति व्हाट्सअप से भी ले सकते हैं। इसके लिए मरीजों के परिजन या रिश्तेदारों को सीएमओ कार्यालय न आना पड़े इसके लिए यह व्यवस्था की गई है। साथ ही तीन डॉक्टर के नंबर 8410759325, 7895702857 और 9758778960 सीएमओ कार्यालय से जारी किये गए हैं। नोडल डाॅ. अधिकारी दिनेश चैहान ने बताया की डॉक्टर को प्रारूप वेबसाइट htttp://dehradun.nic.in/  से अपलोड करने के बाद भेजना होगा। इस पर डॉक्टर स्वास्थ्य के बारे में अपडेट लेंगे। जरूरत पड़ने पर उस ब्लॉक के डॉक्टर और टीम को विजिट के लिए भेजा जा सकता है। इलाके की आशा के माध्यम से कोरोना किट भिजवाई जा रही है। साथ ही मरीजों को जांच कराते समय सही नंबर और पता दर्ज करना होगा, जिससे रिपोर्ट आने पर उन्हें ट्रेस किया जा सके और सही इलाज दिया जा सके।

आइसोलेशन के लिए जो लोग मानकों को पूरा कर रहे हैं, उन्हें होम आइसोलेशन की अनुमति दी जा रही है। होम आइसोलेशन के लिए घर पर अलग कमरे के साथ कमरे के अंदर ही बाथरूम होना चाहिए साथ ही मरीज की देखभाल करने के लाइट केयर टेकर होगी जो मरीज का ध्यान रखेंगी और समय-समय डॉक्टर से परामर्श लेगा। विभाग की ओर से उनके पते पर आशाओं के द्वारा मास्क, सैनिटाइज, दवाएं और अन्य जरूरी उपकरण भिजवाने की व्यवस्था की है। साथ ही मरीज का फॉलोअप लेने के लिए एक डॉक्टर की टीम लगातार काम करती है। नोडल अधिकारी डाॅ. दिनेश चैहान ने बताया की अगर किसी को कोई दिक्कत होती है तो वह इमरजेंसी में फोन कर सकते है। इसके अलावा मरीज को दी जा रही किट में पूरी एडवाइजरी भी आइसोलेशन के समय समझायी जा रही है।

 

 

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