
पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जिले में कोरोना के मामले तो लगातार बढ़ ही रहे हैं, लेकिन यहां जो चैंकानी वाली और डारवानी बाती है। वह कोरोना मरीजों की मौत का मामला है। कोरोना मरीजों के मामले पिछले 15 दिनों में काफी तेजी से बढ़े हैं। खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों की जान जाने का बड़ा कारण है। पिछले दिनों वरिष्ठ पत्रकार दीपक उप्रेती की कोरोना से मौत के बाद जिले में हलचल मची हुई है। स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक लगातार एक्शन में नजर आ रहे हैं।
दरअसल, सीमांत जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से हड़कंप मचा हुआ है। स्थिति यह है कि पिछले एक पखवाड़े में 28 लोगों की मौत कोरोना से हो गई। चीन और नेपाल से सटे होने के कारण यहां के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए 200 किलोमीटर दूर भेजना पड़ता है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने अपनी साख को बचाने के लिए एक निजी अस्पताल के साथ समझौता किया है। जहां सीटी स्कैन हो सकता है।
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विजय जोगदांडे ने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए हैं कि कोरोना संक्रमण से गंभीर मरीजों का प्राइवेट हॉस्पिटल में सीटी स्कैन कराया जाए। असल में पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में सीटी स्कैन नहीं है। इसकी वजह से कई कोरोना संक्रमितों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ दिनों पहले वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर दीपक उप्रेती की कोरोना से मौत हो गई थी। उनको तीन दिन जिला अस्पताल में भर्ती रखा गया। सही इलाज नहीं मिले के कारण उनकी मौत हो गई।
इसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े होने लगे थे। पिथौरागढ़ के सीएमओ डॉक्टर हरीश पंत ने बताया कि जिले में सिर्फ एक ही प्राइवेट हॉस्पिटल में सीटी स्कैन होता है। इसके संचालक से बात हो चुकी है। साढ़े चार हजार में एक मरीज का सीटी स्कैन किया जाएगा। सीटी स्कैन का खर्चा स्वास्थ्य विभाग उठाएगा।