हरिद्वार: कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसके चलते देश और दुनिया में कई बड़े आयोजन निरस्त हो चुके हैं। हरिद्वार महाकुंभ की तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं। महाकुंभ को लेकर यह अटकलें लगाई जा रही थी कि महाकुंभ को टाला जा सकता है, लेकिन अब संतों ने ऐलान कर दिया है कि महाकुंभ किसी भी हाल में निस्त नहीं किया जाएगा। इसका स्परूप कोरोना को देखते हुए क्या होगा। यह फरवरी माह में तय किया जाएगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तय किया गया कि हरिद्वार कुंभ हर हाल में होगा। इसे किसी कीमत पर निरस्त नहीं किया जाएगा। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी, महामंत्री महंत हरी गिरी समेत सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से तय किया कि हरिद्वार कुंभ हर हाल में होगा। इसे किसी कीमत पर निरस्त नहीं किया जाएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसके स्वरूप को बड़ा या छोटा करने का निर्णय फरवरी में लिया जाएगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ 28 अगस्त को देहरादून में होने वाली बैठक के एजेंडे पर भी चर्चा की। संतो ने पांच सूत्री मांग को अंतिम रूप दिया गया। एजेंडे को कुंभ मेले अधिष्ठान के माध्यम से मुख्यमंत्री के पास भिजवा दिया गया। साथ ही विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रमुख स्व. अशोक सिंघल को भारत रत्न देने की सिफारिश का प्रस्ताव भी पारित किया।