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देवभूमि से बड़ी खबर : कोरोना के डर से 3 विदेशी नागरिक उत्तराखंड में घुसे, टीम खाली हाथ पहुंची

Reporter Khabar Uttarakhand
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Breaking uttarakhand newsपिथौरागढ़ : कोरोना का कहर दुनिया भर में फैला है। कोरोना की दहशत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अभी तक दुनिया भर में कोरोना से 4600 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी है। कई हजारों मरीज अस्पताल में हैं। वहीं कोरोना का कहर भारत में भी फैल रहा है। अब तक भारत में दो लोगों की मौत हो चुकी है। एक कर्नाटक और एक दिल्ली में कोरोना से पीड़ित मरीज की मौत हुई है।

कोरोना के डर से तिब्बत के तीन लामा लोग पिथौरागढ़ में घुसे

वहीं उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है और साथ ही 31 मार्च तक सभी स्कूल बंद करने का आदेश दिया। लेकिन उत्तराखंड में बड़ी खबर सामने आई है। जी हां मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित कोरोना के डर से तिब्बत के तीन लामा लोग पिथौरागढ़ के मुनस्यारी तहसील अंतर्गत चौना गांव में घुस आए और छुप गए। जिन्हें पुलिस द्वारा पकड़ा गया है। तीनो लामा युवकों के पकड़े जाने से गांव के लोगों में डर पैदा हो गया है।

टीम के पास नहीं थर्मल स्केनर और न ही सेनिटाइजेशन 

वहीं जानकारी मिली है कि इसकी सूचना पुलिस को दी गई औऱ मौके पर मुनस्यारी थाना एसओ समेत पुलिस बल और एलआईयू टीम पहुंची। हैरानी की बात ये है कि मौके पर पहुंची टीम के पास न तो थर्मल स्केनर है और न ही सेनिटाइजेशन करने की व्यवस्था थी। ऐसे में पुलिस टीम पर सवाल खड़े होते हैं क्योंकि अगर तीनों व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाए जाते हैं तो ये टीम को भी संक्रमित कर सकते हैं ऐसे में जनता की तो छोड़िए सुरक्षाकर्मियों को खुद के स्वास्थय की भी चिंता नही है। बड़ा सवाल है कि जहां देश भर में अलर्ट जारी है और बचाव के लिए कई व्यवस्थाएं की जा रही है तो फिर टीम के पास सुरक्षा के पुख्त इंतेजाम क्यों नहीं किए थे। जानकारी मिली है कि टीम तीनों को स्थानीय अस्पताल में लाया जाएगा।

पुलिस टीम को घुमा रहे तीनों युवक

पुलिस की पूछताछ में तीनों ने अपना नाम राम लामा, निरभार्ग लामा और नामगैल्य रामा बताया। लेकिन तीनों पुलिस टीम को अलग-अलग बात बताकर घुमा रहे हैं। जो नाम ये युवक बता रहे हैं, वो इनके पास से मिले आईडी कार्ड से मेल नहीं खा रहे हैं। आईडी कार्ड में नेपाल का नाम-पता दर्ज है। पूछताछ में एक व्यक्ति ने बताया कि वो 15 दिन पहले यहां आए, जबकि दूसरा व्यक्ति ने कहा कि कि उन्हें यहां आए हुए 6 माह हो गए हैं। इनके पास कोई दस्तावेज नहीं है कि आखिर यहां क्यों और कहां से आए हैं। इससे लोगों में खौफ है।

बड़ा सवाल सुरक्षा व्यवस्था पर खड़ा हो रहा है। देश भर में अलर्ट जारी किया गया है और सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है साथ ही यात्रियों की स्क्रिनिंग की जा रही है तो ऐसे में ये व्यक्ति तिब्बत से उत्तराखंड के अंदर कैसे घुस आए? ये उस गांव के लोग और बाकियों की जिंदगी से खिलवाड़ है?

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