Dehradun : उत्तराखंड में बड़ा खुलासा: काम के बदले अधिकारियों को देना पड़ता था इतना कमीशन! - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड में बड़ा खुलासा: काम के बदले अधिकारियों को देना पड़ता था इतना कमीशन!

Reporter Khabar Uttarakhand
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Big disclosure in Uttarakhand: Officers had to pay so much commission for work

Big disclosure in Uttarakhand: Officers had to pay so much commission for work

देहरादून: उत्तराखंड में समय-समय पर घोटाले सामने आते रहे हैं। कुछ की जांच हुई। रिपोर्ट सामने आई, लेकिन कोर्रवाई नहीं हुई। कुछ मामले ऐसे भी रहे, जिनकी जांच सालों से चल रही है। लोगों को सजा भी हुई। अधिकारी संस्पेंड भी हुए, लेकिन बाद में फिर बहाल कर दिए गए। सिडकुल घेटाला भी काफी चर्चाओं रहा। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही थी। जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। यूपी की निर्माण इकाई को काम देने के एवज में 12 प्रतिशत कमीशन अधिकारियों को देने की बात सामने आई है। एसआईटी और तकनीकी कमेटी की जांच में यह खुलासा हुआ है।

कमीशन लेने वाले अधिकारियों के नाम उजागर किए बिना टीम ने इनके खिलाफ गोपनीय जांच शुरू कर दी है। 2012 से 2017 तक पंतनगर सिडकुल में बनाए गए सिटी पार्क में यूपी निर्माण निगम की ओर से कई निर्माण कार्य किए गए थे। सरकार की ओर से कराए गए ऑडिट में निर्माण कार्यों के साथ ही कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन निर्धारण में अनियमितताएं मिलीं थीं। जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया था।

एसआईटी ने सिटी पार्क के मुख्य द्वार, शौचालय, फव्वारे, सीसी मार्ग और चहारदीवारी निर्माण में वित्तीय अनियमितताएं मिली थीं। इसके अलावा काशीपुर एस्कार्ट फार्म स्थित सिडकुल इंडस्ट्रियल एरिया में विभिन्न सेक्टरों को जाने वाली सड़कों के किनारे बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाए स्ट्रांग वाटर ड्रेन में भी वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थी। सितारगंज सिडकुल में यूपी निर्माण निगम ने सड़क, वाटर टैंक व नालियों का निर्माण किया था। इसके लिए साढ़े तीन करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया था। दस्तावेज और निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन करने पर अनियमितता सामने आई थी। निर्माण कार्य की गुणवत्ता को परखने के लिए तकनीकी कमेटी बनाई गई।

सिडकुल घोटाले की जांच को लेकर एसआईटी ने 112 फाइलें बनाई हैं। एसआईटी सूत्रों के अनुसार अब तक 24 फाइलों की जांच पूरी कर ली गई है। लोनिवि व जल संस्थान की तकनीकी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर एसआईटी को सौंप दी थी। इसके बाद इन सभी फाइलों को पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है। तकनीकी जांच में निर्माण कार्यों में अनियमितताएं मिली हैं। अमर उजाला नें भी इस पर एक रिपोर्ट की है.

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