National : मनी लॉन्ड्रिंग में मामलों में जमानत नियम है और जेल अपवाद- सुप्रीम कोर्ट - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

मनी लॉन्ड्रिंग में मामलों में जमानत नियम है और जेल अपवाद- सुप्रीम कोर्ट

Renu Upreti
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SUPREME COURT

पीएमएलए मनी लॉन्ड्रिंग में मामलों में जमानत नियम है और जेल अपवाद है। सुप्रीम कोर्ट ने ये बड़ी बात कही है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अवैध खनन से संबंधित मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक सहयोगी को राहत प्रदान करते हुए बुधवनार को ये बात कही। कोर्ट ने कहा कि धन शोधन के मामलों में भी जमानत नियम है और जेल में रखना अपवाद है। न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और न्यायमूर्ति के.वी.विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि अदालत का मानना है कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में भी एक नियम है और जेल एक अपवाद है।

स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए और धन शोधन मामले में आरोपी की जमानत के लिए दोहरी शर्त रखने वाली वाली पीएमएलए की धारा 45 में भी सिद्धांत को इस तरह से नहीं लिखा गया कि स्वतंत्रता से वंचित करना नियम है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जुड़े धनशोधन और भ्रष्टाचार मामलों में नौ अगस्त के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि व्यक्ति की स्वतंत्रता हमेशा नियम है और कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया द्वारा इससे वंचित किया जाना अपवाद है।

सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

पीठ ने कहा, पीएमएलए की धारा 45 के तहत दोहरी शर्त इस सिद्धांत को खत्म नहीं करतीं। पीठ ने इसके बाद प्रेम प्रकाश को जमानत दे दी, जिसे निदेशालय ने सोरेन का करीबी सहयोगी बताया है और उस पर राज्य में अवैध खनन में शामिल होने का आरोप है। शीर्ष अदालत ने झारखंड उच्च न्यायालय के 22 मार्च के आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें उसे जमानत देने से इंकार कर दिया गया था। साथ ही न्यायलय ने अधीनस्थ अदालत को मामले की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया।

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