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केदारनाथ उपचुनाव को प्रभावित करने की हो रही कोशिश, करन माहरा ने सीएम से पूछा सवाल

Yogita Bisht
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करन माहरा karan mahara

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केदारनाथ उपचुनाव को लेकर कहा है कि केदारनाथ में हम सघन अभियान चलाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि हमारी सभी कमेटियां व प्रभारी वहां पर बेहतरीन काम कर रहे हैं और इससे भाजपा में बौखलाहट का माहौल दिखाई दे रहा है।

केदारनाथ चुनाव को प्रभावित करने की हो रही कोशिश

करन माहरा ने कहा कि गैरसैंण में भाजपा की एक बैठक होने जा रही है जिसमें केदारनाथ चुनाव को प्रभावित करने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र लगे हुए क्षेत्र में मीटिंग करना इस बात को चिन्हित करता है कि कुछ ना कुछ गड़बड़ चल रही है और केदारनाथ चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।

करन माहरा ने कहा कि वो मुख्यमंत्री से मीडिया के माध्यम से एक बात पूछना चाहते हैं कि उत्तराखंड के गांव में अधिकांश भूमि बंजर पड़ी है क्योंकि गांव में सिंचाई की व्यवस्था नहीं है। सरकार ने ऐसी कोई पॉलिसी नहीं बनाई है जैसे किसानों को राहत मिल सके। ऐसे में लोग गांव छोड़कर अन्य स्थानों में रोजगार की कोशिश कर रहे हैं तो क्या ऐसे में सबकी जमीनों को अधिग्रहण करेगी सरकार? उन्होंने कहा कि बीजेपी जो कहती है उसका उल्टा करती है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नतीजा आपने देख लिया है महिला अपराधों में उत्तराखंड पहले स्थान पर है।

अग्निवीर योजना लाकर कुमाऊं व गढ़वाल रेजीमेंट को किया कमजोर

माहरा का कहना है कि फौज को मजबूत करने की बात कही गई थी लेकिन इसके विपरीत अग्निवीर योजना लाकर हमारे गढ़वाल रेजीमेंट और कुमाऊं रेजीमेंट को कमजोर कर दिया गया है। इसी तरह उपनल कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया था कि 25 तारीख को हम निर्णय लेंगे लेकिन पीठ पीछे एकदम से पुनर्विचार याचिका डाली गई है।

बीजेपी कर्मचारियों की विरोधी पार्टी है चाहे पुरानी पेंशन को खत्म करना हो, अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार में हुआ, चाहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नौकरी खत्म करने का निर्णय लिया गया वो भी अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में 2004 के आसपास लिया गया जिससे गरीबों की नौकरियां खत्म हुई।

बीजेपी के शासन दिलाता है अंग्रेजों की याद

माहरा का कहना है कि कभी-कभी बीजेपी के शासन में अंग्रेजों की याद आ जाती है जब अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। आप मांग नहीं कर सकते, आप प्रोटेस्ट नहीं कर सकते, आंदोलन करने वालों को देहरादून में ऐसी जगह डाला जाता है जहां कोई देखने ना जा सके।

निकाय चुनाव हो या छात्र संघ चुनाव हो पंचायत चुनाव चाहे फिर कॉपरेटिव चुनाव वो पीछे कर दिए गए। उन्होंने कहा कि जो सरकार एक राष्ट्र एक चुनाव की बात करती है वो छात्र संघ चुनाव नहीं कर पा रही है। सरकार समय से चुनाव नहीं कर पा रही है इस से समझा जा सकता है कि भाजपा केवल और केवल कैसे सत्ता हासिल की जाए इस पर टिकी रहती है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।