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कौन है अरुण योगीराज? जिनकी बनाई मूर्ति का राम मंदिर के लिए हुआ चयन, जानें यहां

Renu Upreti
3 Min Read
Yogiraj's idol selected for Ram temple

अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति का चयन हुआ है। मूर्तिकार योगीराज की मां इस चयन से काफी खुश हैं। हालांकि अपने बेटे को वह मूर्ति बनाते हुए नहीं देख पाई।

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने की तारीफ

मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति की केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी तारीफ की है। उन्होनें सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट में कहा, जहां राम है, वहां हनुमान है। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन हो गया है। हमारे देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार, हमारे गौरव अरूण योगीराज के द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी। यह राम और हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है। इसमें कोई राय नहीं है कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए यह एक महत्तवपूर्ण सेवा है।

अरूण योगीराज की मां ने क्या कहा

अरुण योगीराज की मां सरस्वती ने कहा, हमारे लिए खुशी का पल है। मैं उसे मूर्ति बनाते हुअए देखना चाहती थी, लेकिन उसने बोला कि वह मुझे आखिरी दिल ले जाएगा। मैं स्थापना के दिन आऊंगी। उन्होनें आगे कहा, मैं अपने बेटे की प्रगति और सफलता को देखकर बहुत खुश हूं। उनकी सफलता देखने के लिए उनके पिता हमारे बीच नहीं है। मेरे बेटे को अयोध्या गए हुए छह महिने हो गए।  

कौन है योगीराज ?

बता दें कि सोशल मीडिया पर मूर्तिकार योगीराज एक जाना-माना नाम है। उनकी सोशल मीडिया पर काफी फैन फॉलोइंग है। प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे 37 वर्षीय योगीराज मैसरू महल के शिल्पकारों के परिवार से आते हैं। अरूण के पिता गायत्री और भुवनेश्वरी मंदिर के लिए भी कार्य कर चुके हैं। एमबीए की पढ़ाई कर चुके योगीराज पांचवी पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। एमबीए की डिग्री लेने के बाद उन्होनें एक प्राइवेट कंपनी में भी काम किया, लेकिन 2008 में मूर्तिकार बनने के लिए उन्होनें नौकरी छोड़ दी।

इसी के साथ योगीराज ने अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति के अलावा मैसरू में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की सफेद संगमरमर की प्रतिमा, महाराजा श्रीकृष्णराज वाडियार-IV और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद संगमरमर की प्रतिमा भी बनाई है। इंडिया गेट पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी उन्होनें ही तराशी है।

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