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काबू में नहीं आ रही जंगलों की आग, पौड़ी में सेना के जवानों ने संभाला मोर्चा

Yogita Bisht
3 Min Read
JAWAN

प्रदेश में जंगलों की आग काबू में नहीं आ रही है। लगातार पहाड़ों पर आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। लैंसडौन कोटद्वार के दुगड्डा व जयहरीखाल के सिविल जंगल बुधवार को भी धधकते रहे। देर शाम तक भी वन विभाग की टीम इन क्षेत्रों में फैली आग को काबू करने करने की कोशिश करते रही लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

पौड़ी में आग बुझाने के लिए जवानों ने संभाला मोर्चा

बुधवार को पूरे दिन और रात लैंसडौन कोटद्वारके दुगड्डा व जयहरीखाल के सिविल जंगल जलते रहे। देर शाम तक भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। जयहरीखाल के सिविल जंगलों की आग इतनी बढ़ गई है कि अब आग लैंसडौन में छावनी क्षेत्र के जंगल तक पहुंच गई है। इसकी जानकारी मिलते ही सेना के जवानों ने भी आग बुझाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। जवान आग बुझाने में लगे हुए हैं।

तेजी से फैल रही है आग

मिली जानकारी के मुताबिक सेना के जवानों ने काफी हद तक आग पर नियंत्रण पा लिया है। लेकिन तेज हवा और भीषण गर्मी के कारण प्रदेश के दूसरे क्षेत्राें में जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी है। आग के कारणों लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बीते एक साल में 477 जगह धधके जंगल

बीते एक साल में उत्तराखंड में 477 वनाग्नि की घटनाएं सामने आई। ये आधिकारिक आंकड़ें इनके अलावा भी कई वन क्षेत्रों में आग लगती है लेकिन ये आंकड़ें कई बार गिने ही नहीं जाते। आप ये जानकर चौंक जाएंगे की उत्तराखंड में साल 2010 में 1.15 मिलियन हेक्टेयर प्राकृतिक वन थे। जो इसके क्षेत्र के 32% से ज्यादा तक फैले हुए थे।

वहीं साल 2023 में उत्तराखंड ने अपने 971 हेक्टेयर प्राकृतिक जंगल खो दिए। ये रिपोर्ट Global Forest Watch ने अपनी वेबसाइट पर पब्लिश की है। आपको बता दें की प्रदेश में एक नवंबर 2023 से लेकर 23 अप्रैल 2024 तक वनाग्नि की कुल 477 घटनाएं सामने आईं। जिनमें 570.07 हेक्टेयर जंगल खाक हो गए हैं।


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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।