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कालीताल में मिला एक और शव, पांच मौतों से गहराया रहस्य, ग्रामीणों ने की ताल बंद करने की मांग

Yogita Bisht
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काली ताल

सीमांत जिले की ताल कालीताल में एक और शव मिलने से हड़कंप मच गया। पांच साल में यहां पांच मौतें होने के कारण लोगों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने कालीताल को बंद करने की मांग की है।

कालीताल में मिला एक और शव

कालीताल में बेड़ीनाग के एक व्यापारी का शव मिलने से हड़कंप मच गया। गुरूवार को व्यापारियों ने शोक में आधे दिन बाजार बंद रखा। व्यापारी इस ताल तक कैसे और किस लिए पहुंचा पुलिस इसकी जांच कर रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक कांडे गांव के कालीताल में बुधवार सुबह ग्रामीणों को एक व्यक्ति का शव पानी में उतराता हुआ दिखा। जिसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव को पानी से बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों को सैंप दिया है।

व्यापारी कालीताल में कैसे डूबा पुलिस कर रही जांच

मिली जानकारी के मुताबिक मृतक टेलर का काम करता था। उनके परिवार में पत्नी, नौ साल का बेटा और माता-पिता हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि व्यापारी ताल तक क्यों गया ? इसके साथ ही इस बात की भी जांच कर रही है कि वो ताल में डूबा कैसे?

कालीताल में पांच सालों में हो चुकी हैं पांच मौतें

पिथौरागढ़ के बेरीनाग में स्थित कालीताल पिछले कुछ समय से सुर्खियों में है। यहां बीते पांच सालों में पांच मौतें हो चुकी हैं। जिसके बाद से ग्रामीण लगातार इस ताल को बंद करने की मांग कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि लगातार यहां पर हो रही मौतों के बाद से आसपास के गांवों में भय बना हुआ है। वो काफी समय से इस ताल को बंद करने की मांग कर चुके हैं लेकिन अब तक इसे बंद नहीं किय गया।

गहराई को बताया जाता है मौतों का कारण

बता दें कि बेरीनाग मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर कांडा किरौली गांव में कालीताल स्थित है। कालीताल पिछले कुछ सालों में पिथौरागढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल बनकर उभरा है। हर साल यहां कई सैलानी घूमने और प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठाने के लिए आते हैं। लेकिन बीते पांच सालों में यहां डूबने के कारण पांच लोगों की मौत हो गई है।

विशेषज्ञों के मुताबिक कालीताल की गहराई को लेकर लोग गलत अंदाजा लगा बैठते हैं। जो कि मौत की वजह भी बनता है। हालांकि ताल के पास में ही सुरक्षा की दृष्टि से चेतावनी बोर्ड लगाया गया है। लेकिन सिर्फ चेतावनी बोर्ड के आलावा यहां अन्य किसी भी प्रकार के कोई पुख्ता इंतजाम यहां नहीं किए गए हैं।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।