Big News : आज ही के दिन एक साल पहले आखरी बार देखी गई थी अंकिता, अब भी अनसुलझे हैं कई राज - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

आज ही के दिन एक साल पहले आखरी बार देखी गई थी अंकिता, अब भी अनसुलझे हैं कई राज

Yogita Bisht
3 Min Read
ankita bhandari

अंकिता हत्याकांड की यादें आज भी उत्तराखंड के सबके जहन में जिंदा है। अंकिता के लिए लगातार न्याय की मांग उठ रही है। आज से ठीक एक साल पहले 18 सितंबर को अंकिता को आखरी बार देखा गया था।

एक साल बाद भी कई राज हैं अनसुलझे

प्रदेश में एक साल पहले हुए अंकिता हत्याकांड ने सबको झकझोर कर रख दिया था। पहाड़ की बेटी के लिए न्याय की मांग को लेकर पहाड़ से लेकर मैदान तक जनसैलाब उमड़ पड़ा था।

लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी आज कई राज ऐसे हैं जो अनुलझे हैं। वनंतरा रिजॉर्ट में बुलडोजर चलाने का आदेश किसने दिया था वीआईपी के नाम का खुलासा भी आज तक नहीं हो पाया है।

आज ही के दिन एक साल पहले आखरी बार देखी गई थी अंकिता

आज से ठीक एक साल पहले 18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी को आखरी बार देखा गया था। शुक्रवार को अंकिता हत्याकांड के दो गवाहों के बयान दर्ज किए गए। दो गवाहों में से एक सज्जन सिंह पुलिसकर्मी और दूसरा वनंतरा रिजॉर्ट में इलेक्ट्रीशियन का काम करने वाला कुलदीप सिंह हैं।

कुलदीप ने बताया कि आठ सितंबर, 2022 को अंकिता रिजॉर्ट में ही मौजूद थी। उसके अगले दिन ही उसके लापता होने की बात पर रिजॉर्ट में हंगामा हुआ था और अंकिता को ढूंढना शुरू किया गया था।

18 सितंबर से गायब थी अंकिता भंडारी

18 सितंबर से अंकिता भंडारी गायब थी। जिसके बाद अंकिता के शव की खोज शुरू हुई। चिला नहर से शव को बरामद किया गया। अंकिता हत्याकांड में आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और मामला कोर्ट में चल रहा है। लेकिन अब तक कई राज ऐसे हैं जिनसे पर्दा नहीं उठ पाया है।

वीआईपी नाम के खुलासे को लेकर लागातर हो रही मांग

अंकिता हत्याकांड में वीआईपी के शामिल होने की बात सामने आई थी। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी वीआईपी नाम का खुलासा नहीं हो पाया। लोग हो या विपक्ष लगातार वीआईपी नाम के खुलासे की मांग कर रहे हैं।

इसके साथ ही रिजॉर्ट को तोड़ने की कार्रवाई किसके आदेश पर हुई, रिजॉर्ट में स्थित कैंडी फैक्ट्री में आग किसने लगाई और अंकिता के साथ क्या हुआ था ये सवाल अब भी सभी के जहन में घूम रहे हैं। जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है।

Share This Article
Follow:
योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।