National : यूपी में बसपा को नहीं मिली एक भी सीट, नाराज मायावती ने कर दिया बड़ा ऐलान - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

यूपी में बसपा को नहीं मिली एक भी सीट, नाराज मायावती ने कर दिया बड़ा ऐलान

Renu Upreti
3 Min Read
angry Mayawati made a big announcement
angry Mayawati made a big announcement

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी को झटका लगा है। बीजेपी को यूपी में पिछले चुनावों की तुलना में आधी रह गई हैं। वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन ने यूपी में सबसे ज्यादा सीटें हासिल की है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा बीएसपी की हालत सबसे ज्यादा सीटें हासिल की हैं। इस चुनाव में बीएसपी को 2014 की तरह ही शून्य सीटें मिली हैं। जिसके बाद अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होनें मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देने को लेकर बड़ी बात की है।

बीएसपी की शून्य सीट आने पर पार्टी प्रमुख मायावती ने दो पन्नों का एक बयान सोशल मीडिया पर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम समाज बसपा का खास अंग रहा है, लेकिन पिछले कई चुनावों और इस बार के लोकसभा चुनाव में भी उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद बसपा को समझ नहीं पा रही है।

सोच समझकर देगी मुस्लिम को मौका

मायावती ने कहा कि अब भविष्य में बेहद ही सोच समझकर मुस्लिम समाज को पार्टी मौका देगी। अब पार्टी नहीं चाहती की भविष्य में उसे नुकसान हो। वहीं आम चुनावों में आए नतीजों के बाद मायावती ने पार्टी की हार की गहन समीक्षा करने और सुधार के लिए जरुरी कदम उठाने की बात कही है।

लोगों को भविष्य का परिणाम सोचना चाहिए

वही मायावती ने कहा कि लोगों को सोचना चाहिए कि यह जो चुनाव परिणाम आया है, उसका आगे उनके भविष्य पर क्या असर पड़ने वाला है और क्या उनका भविष्य कितना शांत, समृद्ध और सुरक्षित रह पाएगा, या नहीं। उन्होनें कहा कि इस चुनाव में यूपी की और देश की निगाहें गहराई से टिकी हुई थी, यह जो भी रिजल्ट आया है, बीएसपी उसके बारे में गंभीरता से विश्लेषण करेगी, पार्टी के मूवमेंट के हित में जो भी जरुरी होगा, उसे लेकर ठोस कदम उठाएगी।

चुनाव आयोग से की मांग

वही मायावती ने चुनाव आयोग से भी मांग करते हुए कहा कि चुनाव लंबा नहीं खिंचना चाहिए। यह चुनाव सात चरणों में ढाई महीने लंबा चला है। चुनाव कराते समय आम लोगों के हितों के साथ-साथ ड्यूटी में लगने वाले लाखों सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों के हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेना चाहिए।

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