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सेबी की प्रमुख रहीं माधवी पुरी बुच पर हैं ये गंभीर आरोप, मिलीभगत और फाइनेंशियल फ्राड मामले में होगी जांच

Reporter Khabar Uttarakhand
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माधवी पुरी बुच Who is Madhbi Puri Buch? What were the allegations in the Hindenburg report?

भारत में शेयर मार्केट को नियंत्रित करने वाली संस्था सिक्योरिटी एंड एक्सचें बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) की पूर्व चेयरपर्सन माधवी बुच की मुश्किलें बढ़ रहीं हैं। मुंबई की एक अदालत ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। माधवी बुच पर शेयर मार्केट में कथित रूप से धोखाधड़ी करने और मानकों के उल्लंघन का आरोप है।

‘मिलीभगत के सबूत हैं’

दरअसल एक मीडिया रिपोर्टर ने सेबी की प्रमुख रहीं माधवी पुरी बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले की शिकायत उसने पुलिस से की। इसके साथ ही सेबी से भी इसकी शिकायत की गई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। अंत में उसने कोर्ट की शरण ली। शिकायत कर्ता ने मुंबई की स्पेशल एसीबी कोर्ट के जज शशिकांत एकनाथराव बांगर की अदालत में गुहार लगाई। इसपर सुनवाई करते हुए जज ने अपने आदेश में कहा कि, प्राइमा फेसी रेगुलेटरी चूक और मिलीभगत के सबूत हैं, जिसकी जांच की जरूरत है। अदालत ने कहा कि वह जांच की निगरानी करेगा। कोर्ट ने 30 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने आदेश में यह भी कहा है कि आरोपों से कॉग्निजेबल ऑफेंस का पता चलता है, जिसके लिए जांच जरूरी है। इसमें कहा गया है कि लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों और सेबी की निष्क्रियता के कारण सीआरपीसी के प्रोविजन के तहत न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत है।

माधवी पुरी बुच पर क्या हैं आरोप

माधवी पुरी बुच को लेकर लगाए गए आरोपों में कहा गया कि माधवी पुरी बुच फाइनेंशियल फ्रॉड, रेगुलेटरी उल्लंघन और भ्रष्टाचार में शामिल हैं। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि सेबी के अधिकारी अपने वैधानिक ड्यूटी निभाने में विफल रहे। यही नहीं बाजार में हेरफेर को बढ़ावा दिया और तय नियमों को पूरा नहीं करने वाली कंपनी को लिस्ट करने की अनुमति देकर कॉरपोरेट फ्रॉड के लिए रास्ता खोल दिया।  शिकायतकर्ता ने कहा कि कई बार पुलिस स्टेशन और संबंधित रेगुलेटरी बॉडी से संपर्क करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

चर्चाओं में रहीं हैं माधवी पुरी बुच

सेबी की पूर्व चेयरमैन माधवी पुरी बुच पहले भी चर्चाओं में रही हैं। विपक्ष दल कांग्रेस ने भी माधवी पुरी बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने मनमाने तरीके से बाजार को प्रभावित करने और सेबी की चेयरपर्सन रहते हुए एक निजी बैंक से भी सेलरी लेते रहने का आरोप लगाया था।

सेबी उतरा बचाव में

वहीं माधवी पुरी बुच को अब सेबी का साथ मिलता दिखाई दे रहा है। सेबी ने एक बयान जारी कर कहा है कि, आवेदक को बेबुनियाद और आदतन मुकदमेबाज़ के रूप में जाना जाता है, जिसके पिछले आवेदनों को न्यायालय ने खारिज कर दिया था और कुछ मामलों में जुर्माना भी लगाया था। सेबी इस आदेश को चुनौती देने के लिए उचित कानूनी कदम उठाएगा और सभी मामलों में उचित विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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