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Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर करे ये काम, जीवनभर मिलेगा लाभ

Uma Kothari
3 Min Read
Akshaya Tritiya 2025

Akshaya Tritiya 2025 अक्षय तृतीया हिंदू पंचांग में सबसे पावन और शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस बार अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2025 kab hai) 30 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।

कहा जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्य कभी खत्म नहीं होते। बल्कि उनका फल हमेशा बना रहता है। यही वजह है कि लोग इस दिन खास पूजा-पाठ, दान और खरीदारी करते हैं।

Akshaya Tritiya 2025 में दान से मिलता है अक्षय पुण्य

अक्षय तृतीया पर दान करना बेहद फलदायी माना जाता है। अगर आप किसी पवित्र नदी या घर में स्नान करके जरूरतमंदों को अन्न, कपड़े, जल, सोना-चांदी या धन दान करें तो जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। खास बात ये है कि इस दिन सफेद चीजों का दान करना और भी शुभ माना गया है। जैसे दूध, दही, चीनी, सफेद वस्त्र, खीर या शंख।

क्या खरीदना शुभ रहेगा इस दिन

अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी खरीदना तो जैसे परंपरा ही बन चुका है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में बरकत आती है। इसके अलावा पीतल के बर्तन, मिट्टी के बर्तन, नमक और पीली सरसों खरीदना भी शुभ माना गया है।

कैसे करें लक्ष्मी-कुबेर की पूजा

इस दिन धन की देवी लक्ष्मी और कुबेर देव की विधिवत पूजा करने से आर्थिक समस्याएं दूर हो सकती हैं। पूजा करते समय घी का दीपक जलाएं, मां लक्ष्मी के चरणों में कमल का फूल अर्पित करें और खीर का भोग लगाएं। कुबेर और लक्ष्मी मंत्रों का जप करें और आरती जरूर करें। इससे जीवन में स्थिरता और सुख-समृद्धि का मार्ग खुल सकता है।

अबूझ मुहूर्त काम के लिए शुभ

अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा गया है, यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए खास मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। शादी, सगाई, मुंडन या नया कारोबार शुरू करना हो—ये तिथि हर शुभ कार्य के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।

पितरों को दें श्रद्धांजलि

इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और उनके नाम पर दान करना भी बेहद शुभ माना गया है। पितरों की पसंद का भोजन बनाएं और ब्राह्मणों को भोजन कराएं। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद पूरे परिवार पर बना रहता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

Disclaimer: ये लेख सामान्य धार्मिक मान्यताओं और लोक परंपराओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारियों का उद्देश्य किसी अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने विवेक और विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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