National : कौन है कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय? वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव, पीएम मोदी को देंगे टक्कर - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कौन है कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय? वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव, पीएम मोदी को देंगे टक्कर

Renu Upreti
3 Min Read
Ajay Rai will contest elections from Varanasi
Ajay Rai will contest elections from Varanasi

यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को वाराणसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। वह लगातार तीसरी बार पीएम मोदी ने सामने चुनाव मैदान में होंगे। बता दें कि वह 2014 और 2019 में भी चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों चुनाव में वह तीसरे नंबर पर थे।

कौन है अजय राय?

यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पुराने संघी है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं। बाद में वह बीजेपी के सक्रिय सदस्य बन गये। पार्टी ने उन्हें तीन बार यूपी के कोलसाला निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा का टिकट दिया। अजय राय तीनों बार चुनाव में जीत हासिल की। बाद में उन्होनें लोकसभा का भी टिकट मांगा, लेकिन पार्टी ने नहीं दिया तो ये नाराज हो गये। इसके बाद वे 2009 में पार्टी छोड़ दिए और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। समाजवादी पार्टी ने उन्हें वाराणसी से मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ मैदान में उतारा, लेकिन वे हार गये।

अजय राय कुल पांच बार रहे विधायक

अजय राय कुल पांच बार विधायक रहे। 2012 में वे कांग्रेस में शामिल हो गये। पार्टी ने उन्हें पिंडरा से टिकट दिया, लेकिन वे हार गये । 2014 और 2019 में कांग्रेस ने उन्हें वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पीएम मोदी के खिलाफ मैदान में उतारा लेकिन वे दोनों बार हार गये। 2023 में पार्टी ने उन्हें कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया। इस बार 2024 के चुनाव पार्टी ने उन्हें फिर से वाराणसी से ही बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिकट दिया है।

वाराणसी के बाहुबली है अजय राय

अजय राय का जन्म 7 अक्टूबर 1969 को वाराणसी में ब्राह्राण परिवार में हुआ था जो गाजीपुर जिले के मूल निवासी थे। शुरु में उनकी पहचान स्थानीय बाहुबली के रुप में थी और वह एक हिस्ट्रीशीटर रहे है। 1994 में कथित तौर पर मुख्तार अंसारी और उनके लोगों ने वाराणसी के लहुराबीर इलाके में उनके बड़े भाई अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद अजय राय ब्रिजेश सिंह के सहयोगी बन गए। इससे पहले वह 1989 से कई आपराधिक मामलों में ब्रिजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के साथ जुड़े हुए थे।

1991 में वाराणसी के डिप्टी मेयर अनिल सिंह पर हुए हमले में उनका नाम आया था। अपनी एफआईआर में अनिल सिंह ने कहा था कि 20 अगस्त 1991 को कैंटोनमेंट इलाके में अजय राय और अन्य लोगों ने उनकी जीप पर फायरिंग की थी। बाद में राय को मामले से बरी कर दिया गया।

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