हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान से पहले संगम तट पर भगदड़ (Maha Kumbh Stampede) मच गई थी। जिसमें अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत और 60 के घायल होने की खबर सामने आ रही है। ऐसे में इस दुखद घटना के बाद प्रशासन ने कुछ सख्त कदम उठाए हैं। इस दुखद घटना के बाद प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस दौरान पांच बड़े बदलाव या यू कहे कि नए नियम लागू किए गए हैं। ऐसे में जो भी अब महाकुंभ में आएगा उसे इन नए नियमों का पालन करना पड़ेगा।
महाकुंभ में भगदड़ के बाद लागू किए नए नियम (Maha Kumbh Stampede)
- नो-व्हीकल जोन का ऐलान
प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले में किसी भी तरह के वाहन के अंदर आने पर पूरी तरह से मनाही है। इसमें प्रशासनिक और निजी वाहन शामिल है। - VVIP पास हुआ रद्द
भगदड़ की घटना के बाद अब कोई भी वीआईपी पास के जरिए अपने निजि वाहन को मेले में नहीं ले जा पाएगा। इसकी इजाजत नहीं है। हर व्यक्ति फिर चाहे वो वीआईपी ही क्यों ना हो उसे मेला क्षेत्र तक को पैदल ही जाना पड़ेगा। - वन-वे ट्रैफिक सिस्टम हुआ लागू
मेला क्षेत्र में भीड़ को काबू करने के लिए रास्तों को वन-वे कर दिया गया है। जिसके चलते अब श्रद्धालुओं की एक मार्ग से एंट्री होगी। तो वहीं बाहर जाने का रास्ता दूसरा होगा। - सीमाओं पर वाहनों को रोका जाएगा
जिले की सीमा पर ही प्रयागराज के आसपास के जिलों से आने वाले वाहनों को रोक दिया जाएगा। इससे अतिरिक्त यातायात दबाव कम हो सकेगा। - बसंत पंचमी तक कड़े प्रतिबंध
4 फरवरी को बसंत पंचमी के स्नान तक सख्त नियम लागू रहेंगे। शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर भी रोक लगा दी गई है।
श्रद्धालुओं से प्रशासन की अपील
भगदड़ की दुखद घटना के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। जिसमें वो किसी भी तरह की लापरवाही नही बरतना चाहता। इसी लिए कड़े नियम बनाए गए है। श्रद्धालुओं से अधिकारियों ने अपील की है कि वो इस सभी नए नियम का पालन करें। इससे प्रशासन की मदद होगी और महाकुंभ बिना किसी भंग के सुरक्षित तरीके से संपन्न होगा।