एडमिरल करमबीर सिंह ने भारतीय नौसेना के 24वें चीफ के तौर पर पदभार ग्रहण किया। वे पहले नेवी चीफ हैं जो हेलिकॉप्टर पायलट के तौर पर भी दक्ष हैं। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि मेरे पूर्व के अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि नौसेना की नींव बेहद मजबूत है। उन्होंने इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। मेरी कोशिश होगी कि उनके प्रयासों को आगे लेकर जाऊं। दिलचस्प बात यह भी है कि कर्मबीर के दो चाचा महिंदर सिंह और बलजीत सिंह एयरफोर्स में रहे हैं।
करमबीर सिंह 1980 में भारतीय नौसेना में हुए शामिल
भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार करमबीर सिंह 1980 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए। 1981 में उन्हें भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर ‘चेतक’ और ‘कामोव’ को उड़ाने का मौका मिला। एडमिरल सिंह नौसेना प्रमुख के पद पर नवंबर 2021 तक बने रहेंगे।
करमबीर सिंह ने सुनील लांबा की ली जगह
नेवी के नियमानुसार नेवी चीफ का कार्यकाल तीन साल का होता है। इसके अतिरिक्त अधिकारी को 62 वर्ष की उम्र तक काम करने की अनुमति होती है। इसके बाद उन्हें रिटायर कर दिया जाता है। दरअसल, सुनील लांबा 31 मई को रिटायर हो रहे हैं। उन्हीं के स्थान पर एडमिरल सिंह की नियुक्ति हुई है। हालांकि, इससे पहले वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख बनाए जाने के खिलाफ आर्म्स फोर्सेस ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। वर्मा का आरोप था कि अगले नौसेना प्रमुख की नियुक्ति के वक्त उनकी वरिष्ठता को अनदेखा किया गया है। सिंह ने जुलाई 1980 में, जबकि वर्मा ने जनवरी 1980 में नौसेना ज्वाइन की। हालांकि, 29 मई को ट्रिब्यूनल ने सिंह को नौसेना प्रमुख बनाने की अनुमति दे दी थी।