Pithoragarh : मानसून के बाद फिर शुरू होगी आदि कैलाश यात्रा, अभी तक 606 यात्री कर चुके हैं दर्शन - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

मानसून के बाद फिर शुरू होगी आदि कैलाश यात्रा, अभी तक 606 यात्री कर चुके हैं दर्शन

Sakshi Chhamalwan
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उत्तराखंड में मानूसन की बारिश का सिलसिला जारी है. मानसून के मद्देनजर आदि कैलाश यात्रा पर प्रशासन की ओर से रोक लगाई हुई है. बरसात समाप्त होने के बाद एक बार फिर से आदि कैलाश की यात्रा शुरू की जाएगी.

मानसून के बाद फिर शुरू होगी आदि कैलाश यात्रा

कुमाऊं मंडल विकास निगम के जीएम विजयनाथ शुक्ल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार अभी तक 15 दलों में 606 यात्रियों को आदि कैलाश यात्रा के लिए भेजा गया है। आखिरी दल सकुशल यात्रा कर लौट चुका है. फिलहाल भारी बरसात और मानसून का सीजन होने के कारण आदि कैलाश यात्रा पर रोक दी गई है.

आदि कैलाश की यात्रा के लिए जारी है रजिस्ट्रेशन

कुमाऊं मंडल विकास निगम के जीएम विजयनाथ शुक्ल का कहना है की आदि कैलाश यात्रा बारिश के बाद दोबारा शुरू की जाएगी. अभी संभावित तिथि 22 सितंबर की बताई गई है लेकिन तात्कालिक समय के मौसम के हिसाब से ही यात्रा शुरू की जाएगी. हालांकि आदि कैलाश की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जारी है।

कैसे पहुंचे आदि कैलाश ? (How to reach Adi Kailash ?)

How to Reach Adi Kailash आदि कैलाश उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में स्थित है। यहां के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम हल्द्वानी है। जबकि नजदीकी एयरपोर्ट पंंतनगर हवाई अड्डा है। हालांकि पिथौरागढ़ में भी हवाई अड्डा है लेकिन वर्तमान में वहां से फ्लाइट का संचालन नहीं किया जा रहा है।

हल्द्वानी पहुंचने के बाद अब यहां से बस या टैक्सी पिथौरागढ़ के लिए ले सकते हैं। टनकपुर रेलवे स्टेशन से भी धारचूला के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं। धारचूला से पांच किलोमीटर का सफर तय करने के बाद तपोवान आता है। जिसके बाद आगे बढ़ने पर आपको रास्ते में मिलता है मालपा गांव। यहां पर आप खूबसूरत झरने का दीदार कर सकते हैं।

रोमांच के साथ प्राकृतिक नजारों का उठाएं लुत्फ

मालपा से आगे आप गुंजी गांव पहुंचेंगे। लेकिन यहां पहुंचने से पहले रास्ते में आपको मिलेगा सीता पुल। यहां पर आप भारत ओर नेपाल की पहाड़ियों को जोड़ते हुए सीता पुल देख सकते हैं। जो कि लकड़ी का बना हुआ है जो कि हवा मे झूलता हुआ है। यहां से थोड़ा आगे बढ़ने पर आप पार्वती सरोवर पहुंचेंगे। यहां पर आप मशहूर शिव पार्वती मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

इस सरोवर के पास ही काली मंदिर है। इसी के पास शेषनाग पर्वत और वेदव्यास गुफा स्थित है। यहीं से लोग आदि कैलाश के दर्शन करते हैं। बता दें कि पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर धारचूला पहुंचने के बाद यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण होता है। जिसके बाद उन्हें इनर लाइन परमिट जारी होता है।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।