नागपुर: मामला महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल का है। सरकारी अस्पतालों में अक्सर इस तरह की लापरवाहियां सामने आती रहती हैं। इस कारण कई जच्चा या बच्चे की मौत हो जाती है। लेकिन, नागपुर के सरकारी अस्पताल में डिलीवरी कराने आई 23 साल की गर्भवती महिला बिना किसी चिकित्सा सहायता के अपनी डिलीवरी खुद ही कर डाली। दर्द के मारे वो रोती रही, फिर कोई अस्पताल का कर्मचारी उसकी मदद के लिए नहीं आया।
सुकेश्नी श्रीकांत नाम की ये महिला साउथ नागपुर इलाके के हुदकेश्वर की रहने वाली हैं। गर्भवती होने के बाद से उसका इसी सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था। वो पहली बार मां बनी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबित शनिवार की शाम तबीयत खराब होने पर उसे भर्ती कराया गया। सुकेश्नी को अस्पताल पहुंचने पर जमीन पर लेटना पड़ा।
उसके रिश्तेदारों के अनुसार, रविवार शाम उसे लेबर पेन शुरू हुआ तो उसे प्रसव वार्ड में ले जाया गया। दर्द कम होने पर डॉक्टर वार्ड से बाहर आ गए। जब आधी रात को सुकेश्नी को दोबारा दर्द शुरू हुआ तो वो वार्ड में अकेली थी। वो मदद की मांग रही थी, लेकिन कोई नहीं आया। एक अन्य तिमारदार जाग गया। उस शख्स ने देखा कि सुकेश्नी का बच्चा खुद ही गर्भ से बाहर आ रहा है। उसने सुकेश्नी की मदद की। वो दर्द सहन नहीं कर पा रही थी लेकिन, फिर भी उसे सब सहना पड़ा। आखिर में उसने खुद ही अपनी डिलीवरी की।