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एक कार मैकेनिक जो पिछले 40 सालों से हर दिन लगा रहे हैं पेड़, वृक्षारोपण कर रोका वरूणावत पर्वत पर भूस्खलन

Yogita Bisht
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जगमोहन सिंह वृक्षारोपण

उत्तराखंड में आए दिन भूस्खलन की खबरें सामने आती रहती हैं। उत्तरकाशी में भूस्खलन को रोकने के लिए एक कार मैकेनिक दिन-रात काम कर रहे हैं। जो कि पिछले 40 सालों से हर दिन पेड़ लगा रहे हैं।

एक कार मैकेनिक जो पिछले 40 सालों से हर दिन लगाते हैं पेड़

अगर कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो मंजिल खुद ही मिल जाती है। उत्तरकाशी जिले के एक कार मैकेनिक ने इस कहावत को हकीकत में बदला है। उत्तरकाशी के प्रताप पोखरियाल ने पिछले 40 सालों में हर दिन वृक्षारोपण कर कई वन लगाए हैं।

जिले में पर्यावरण प्रेमी के नाम से है जाना जाता

प्रताप पोखरियाल को पर्यावरण के प्रति उनका समपर्ण देखकर लोग उन्हें जिले में पर्यावरण प्रेमी के नाम से बुलाते हैं। साल 2003 में जब उत्तरकाशी के जनपद मुख्यालय के ऊपर वरूणावत पर्वत से भूस्खलन होने के कारण जिले के बड़े होटल, बस अड्डा मलबे में दब गये थे। तो उन्होंने इसे रोकने के लिए वृक्षारोपण शुरू किया।

45 एकड़ भूमि वृक्षारोपण कर स्थापित किया विशाल जंगल

वरूणावत पर्वत उन्होंने भूस्खलन को रोकने के लिए 45 एकड़ भूमि पर वरूणावत पर्वत पर वृक्षारोपण कर वहां एक विशाल वन स्थापित कर दिया। बता दें कि उन्होंने इस वन में 300 से भी ज्यादा प्रजाति के पेड़ लगाए हैं। परिणाम स्वरूप आज वरूणावत पर्वत पर भूस्खलन बंद हो गया है।

जिले में कई जगह स्थापित किए हर्बल गार्डन

प्रताप पोखरियाल ने उत्तरकाशी जिले के विभिन्न स्थानों पर हर्बल गार्डन स्थापित किए हैं। कोराना काल में उन्होंने अपने स्थापिक किए हुए इन्हीं हर्बल गार्डनों से हजारों लीटर गिलोय का जूस निकालकर जिले के अस्पतालों में निशुल्क बांटा था।

बता दें कि साल 2020 में उन्हें जयपुर के ट्री बैंक द्वारा ग्लोबल ग्रीन अवार्ड-2020 से सम्मानित भी किया गया था। इसके साथ ही उन्हें कई सम्मान भी मिले हैं।

इनपुट – पृथ्वी नैथानी (उत्तरकाशी)

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।