गांधीनर: सूरत अग्निकांड 22 बच्चों की मौत के बाद प्रदेशभर के कोचिंग सेंटरों में ताले लटके हैं। सरकार ने सभी कोचिंग सेंटर वाली बिल्डिंग्स को सील कर दिया है। इससे कोचिंग के लिए स्टूडेंट को कोई जगह नहीं मिल पा रही है। इससे छात्र तो परेशान हैं ही, उनके टीचर भी खासे परेशान नजर आ रहे हैं। टीचर बच्चों को किसी भी सूरत में पढ़ाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। इसी चाह में एक टीचर ने ऐसा कारनामा किया, जिसके चर्चे पूरे गुजरात में हैं।
जिन बिल्गिंस में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं, वहां बच्चों को नहीं पढ़ाने दिया जा रहा है। सरकार का यह प्रयास अपेक्षित है, लेकिन सरकार के इस प्रयास के चलते ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों की आय कम होने लगी है। इसलिये ऐसे शिक्षकों को यह प्रतिबंध रास नहीं आ रहा है।
उत्तर गुजरात के पालनपुर में एक शिक्षक बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए जब कोई परिसर नहीं तलाश पाया और सरकारी फैसले से गुस्सा हो गया तो, वह बच्चों को लेकर मशान घाट पहुंच गया। उसने वहीं स्टूडेंट्स की ट्यूशन क्लास लगाई और पढ़ाने लगा। जब इसका पता उन बच्चों के मां-बाप को लगा तो वे दंग रह गए। ये खबर तेजी से शहरभर में और फिर गुजरात में फैल गई। कुछ लोग शिक्षक का विरोध करने लगे तो कुछ ने उसका पक्ष लेते हुए कहा कि यह तो उसके पढ़ाने का हठ था।