Entertainment : अब नहीं टूटेगा Satyajit Ray का पैतृक घर, Bangladesh सरकार ने रोका गिराने का फैसला - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

अब नहीं टूटेगा Satyajit Ray का पैतृक घर, Bangladesh सरकार ने रोका गिराने का फैसला

Uma Kothari
4 Min Read
bangladesh-government-halts-demolition-of-satyajit-ray-ancestral-house

Satyajit Ray ancestral house demolition: भारतीय सिनेमा के लीजेंड सत्यजीत रे(Satyajit Ray) से जुड़ी एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। बांग्लादेश(bangladesh) के मैमनसिंह में मौजूद उनका पैतृक घर(ancestral house demolition) अब गिराया नहीं जाएगा। बता दें कि हाल ही में ये खबर आई थी कि इसे तोड़ने की योजना थी। लेकिन अब सरकार ने इसे रोक दिया है। बांग्लादेश ने ऐलान किया है कि घर को पुनर्निर्मित कर सांस्कृतिक स्मारक के तौर पर संवारा जाएगा।

ancestral house

अब नहीं टूटेगा सत्यजीत रे का पैतृक घर Satyajit Ray ancestral house demolition

ये फैसला भारत सरकार की ओर से जताई गई कड़ी आपत्ति के बाद लिया गया है। साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस घर को गिराए जाने पर गहरी नाराज़गी जताई थी। उन्होंने इसे बंगाल की संस्कृति और विरासत से जुड़ा धरोहर बताया।

क्यों है ये घर खास?

ये वही घर है जो सत्यजीत रे के दादा उपेंद्र किशोर रे चौधरी से जुड़ा है। जो खुद बंगाली साहित्य और कला के क्षेत्र में बड़ा नाम रहे हैं। सत्यजीत रे ने अपने पूर्वजों के इस घर में कई साल गुजारे थे। यही वो जगह है जिसने उन्हें रचनात्मकता की जड़ें दीं।

जब खबर आई कि बांग्लादेश सरकार इस जर्जर इमारत को गिराने की तैयारी में है। ऐसे में भारत के विदेश मंत्रालय ने भी चिंता जताई और अपील की कि इसे न सिर्फ बचाया जाए बल्कि एक साहित्य-संग्रहालय में तब्दील किया जाए।

भारत सरकार ने क्या कहा?

भारत ने कहा कि ये इमारत सिर्फ एक पुराना मकान नहीं बल्कि बांग्ला सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। इसलिए इसे बचाना दोनों देशों की संयुक्त सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना होगा। भारत ने ये भी स्पष्ट किया कि अगर जरूरत पड़ी तो पुनर्निर्माण में मदद करने को तैयार है।

ममता बनर्जी ने भी दी अपील

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा, “रे परिवार सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि बंगाली संस्कृति के वाहक हैं। उपेंद्र किशोर बंगाल के पुनर्जागरण के स्तंभ रहे हैं। ऐसे में उनका घर गिराया जाना दुखद होगा।” उन्होंने बांग्लादेश के नागरिकों और सरकार से इसे बचाने की भावनात्मक अपील की।

क्या बनेगा अब?

बांग्लादेश सरकार की तरफ से आए ताजा संकेतों के मुताबिक, अब घर को तोड़ने की बजाय संरक्षित और पुनर्निर्मित किया जाएगा। ये जगह आगे चलकर सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन सकती है। अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से पुराने ढांचे को दुरुस्त करने की बात कही है, लेकिन अब उसका इतिहास संरक्षित रहेगा।

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी असर

ये मामला ऐसे वक्त में सामने आया है, जब भारत-बांग्लादेश के बीच राजनीतिक संबंध थोड़े तनाव में हैं। हाल ही में शेख हसीना सरकार की विदाई के बाद बनी अंतरिम सरकार पर भारत ने कई मुद्दों को लेकर सवाल उठाए हैं। खासकर हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर। ऐसे माहौल में सत्यजीत रे के घर को लेकर विवाद ने इन रिश्तों को और संवेदनशील बना दिया।

Share This Article