13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ होने जा रहा है। 12 साल में लगने वाले हिंदुओं के इस पवित्र महाकुंभ को देखने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर से लाखों लोग आते हैं। इस साल करीब 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया गया है। जिसमें से एक नाम एप्पल के सह-संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी पॉवेल जॉब्ल का भी है।
जानकारी के मुताबिक दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी पॉवेल जॉब्स 13 जनवरी से मेले में हिस्सा लेंगी। वो दो हफ्तों तक कल्पवास में समय बिताएंगी। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर कल्पवास क्या होता है? आइये जानते हैं इसका मतलब
Maha Kumbh में कल्पवास क्या होता है?
कल्पवास काफी पुरानी हिंदू परंपरा है। इसका जिक्र रामचरितमानस और महाभारत जैस वेद-पुराणों में भी मिलता है और खासकर महाकुंभ में इसका महत्व ज्यादा हो जाता है। कल्पवास करने से सौ साल तक बिना अन्न ग्रहण किए तपस्या के बराबर फल मिलता है। हालांकि, कल्पवास एक बेहद कठिन साधना है, जिसे करने वाले व्यक्ति को 21 नियमों का पालन करना होता है।
कल्पवास के 21 नियम क्या हैं?
- केवल सच बोलना
- हिंसा से दूरी बनाए रखना
- इन्द्रियों पर नियंत्रण
- सभी प्राणियों पर दयाभाव
- ब्रहाचर्य का पालन
- व्यसनों का त्याग
- ब्रहा मुहूर्त में जागना
- नित्य तीन बार पवित्र नदी में स्नान करना
- त्रिकाल संध्या का ध्यान करना
- पितरों का पिण्डदान करना
- दान करना
- अन्तर्मुखी जप करना
- सत्संग का आयोजन करना
- संकल्पित क्षेत्र के बाहर न जाना
- किसी की निंदा न करना
- साधु-संयासियों की सेवा करना
- जप में संलग्न रहना
- एक समय भोजन करना
- जमीन पर सोना
- अग्नि न सेकना
- देव पूजन करना शामिल है।
सबसे बड़ी बात कल्पवास शुरु करने के बाद इसे पूरे 12 सालों तक जारी रखना होता है।