National : छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या, सेप्टिक टैंक में मिला शव, किसने मारा? जांच जारी - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या, सेप्टिक टैंक में मिला शव, किसने मारा? जांच जारी

Renu Upreti
3 Min Read
Journalist Mukesh Chandrakar murdered in Chhattisgarh, body found in septic tank

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक 28 वर्षीय पत्रकार की हत्या कर दी गई है। पत्रकार का नाम मुकेश चंद्राकर था और वह लापता थे। जब उनकी तलाशी की गई तो उनका शव शुक्रवार को एक ठेकेदार की संपत्ति पर बने सेप्टिक टैंक में मिला। हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और पूछताछ के लिए कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गय है।

सेप्टिक टैंक में मिला मुकेश का शव

एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई कि मुकेश का शव एक सेप्टिक टैंक में मिला, जिसे हाल ही में कंक्रीट से सील किया गया था। दावा किया जा रहा है कि भ्रष्टाचार से जुड़ा एक मामला का खुलासा करने की वजह से उनकी हत्या करवाई गई है।

ठेकेदार की संपत्ति पर मिला शव

बता दें कि मुकेश चंद्राकार को आखिरी बार 1 जनवरी की शाम को देखा गया था। उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकार ने अगले दिन पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मोबाइल ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस ने मुकेश के शव को चट्टनपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकार की संपत्ति पर पाया।

क्या थी मुकेश के भाई की शिकायत?

युकेश चंद्राकार की शिकायत में मुकेश द्वारा हाल ही में रिपोर्ट की गई एक स्टोरी का जिक्र किया गया है, जिसमें गंगालूर से नेलसनार गांव तक सड़क निर्माण में कथित अनियमितताओं को उजागर किया गया था। रिपोर्ट के बाद परियोजना की जांच की गई थी। शिकायत में मुकेश को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर सहित तीन व्यक्तियों से मिली धमकियों का हवाला भी दिया गया था।

वहीं अब पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने मीडिया को बताया कि जिस परिसर में शव मिला है, उसका इस्तेमाल मजदूरों के रहने और बैडमिंटन खेलने के लिए किया जाता था।

कौन थे मुकेश चंद्राकर?

मुकेश चंद्राकर को एक दशक की पत्रकारिता का अनुभव था। मुकेश ने एक राष्ट्रीय समाचार चैनल के लिए स्ट्रिंगर के रुप में काम किया और एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल, बस्तर जंक्शन चलाया, जिसके 159,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। 2021 में मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर में मुठभेड़ के बाद माओवादियों द्वारा कब्जे में लिए गए सीआरपीएफ कर्मियों की रिहाई में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सीआरपीएफ कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए राज्य पुलिस ने उन्हें श्रेय दिया था। मुकेश ने नक्सली हमलों, मुठभेड़ों औ बस्तर को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दों पर व्यापक रुप से रिपोर्टिंग की।

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