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शिक्षा विभाग में अटैचमेंट को लेकर बड़ा बवाल, जानें क्यों गरमाया हुआ है ये मुद्दा

Yogita Bisht
3 Min Read
शिक्षकों का अटैचमेंट

उत्तराखंड शिक्षा विभाग में एक एक बार फिर से अटैचमेंट को लेकर बड़ा बवाल देखने को मिल रहा है। जिसके बाद शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के द्वारा ऐसे शिक्षकों का रिपार्ट तलब की गई है। शिक्षकों को पहाड़ चढ़ाने के दावे तो बहुत किए जाते हैं लेकिन अटैचमेंट के इस मुद्दे के सामने आने के बाद इन दावों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है। शिक्षक पहाड़ ना जाने के लिए या फिर दुर्गम स्थानों पर ना जाने के लिए भी अटैचमेंट ले रहे हैं। एक अतिथि शिक्षक द्वारा इन अटैचमेंट को खत्म करने की मांग की गई है।

शिक्षा विभाग में अटैचमेंट को लेकर बड़ा बवाल

उत्तराखंड शिक्षा विभाग में एक बार फिर अटैचमेंट को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट का अटैचमेंट देहरादून सीमैट में दो महीने के लिए हुए था। लेकिन शिक्षकों के द्वारा इसे मुद्दा बनाए जाने के बाद अभिषेक भट्ट ने शिक्षा महानिदेशक से मिलकर खुद ही अपना अटैचमेंट निरस्त करने को लेकर पत्र दिया। इसके साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों के अटैचमेंट छात्रहित में निरस्त करने की भी मांग की। जिसके बाद से अटैचमेंट को लेकर मामला विभाग में गरमा गया है।

विभाग में अटैचमेंट के आंकड़ों पर एक नजर

आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 46 प्रवक्ता ऐसे है जो अपने मूल स्कूल को छोड़कर दूसरी जगह अटैचमेंट पर हैं। 76 एलटी संवर्ग के शिक्षक हैं जो अपने मूल विद्यालय को छोड़कर दूसरी जगह पर अटैच हैं। 200 प्राइमरी शिक्षक ऐसे हैं जो अपने मूल विद्यालयों को छोड़कर दूसरी जगह अटैच हैं। हैरान करने वाला आंकड़ा मिनिस्टर संवर्ग के कर्मचारियों का भी है। 300 मिनिस्टर संवर्ग के कर्मचारी अपने मूल जगह से दूसरी जगह अटैच हैं।

अटैचमेंट पर दूसरी जगह सेवा दे रहे शिक्षकों में हड़कंप

शिक्षा विभाग में अटैचमेंट को लेकर मचे बवाल के बीच उन शिक्षक और कर्मचारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है जो अटैचमेंट पर मूल जगह से दूसरी जगह अपनी सेवाएं दे रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक लीलाधर व्यास का कहना है कि ऐसे सभी शिक्षक कर्मचारियों के अटैचमेंट को लेकर रिव्यू किया जा रहा है जो अटैचमेंट पर हैं। इसके साथ ही ऐसे कर्मचारियों और शिक्षकों का विश्लेषण किए जाने के बाद जो भी निर्देश मिलेंगे उसके तहत आगे निर्णय लिया जाएगा।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।