कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान इस केस में कोलकाता पुलिस के रवैये पर सख्त टिप्पणी की है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि पिछले 30 साल में हमने ऐसा केस नहीं देखा। वहीं कोर्ट ने सीबीआई की स्टेट्स रिपोर्ट और कोलकाता पुलिस की जांच रिपोर्ट में अंतर पर भी सवाल उठाए और कोलकाता पुलिस के रवैये को संदेहजनक बताया।
मिटाए गए सबूत-CBI
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि घटना स्थल को नुकसान पहुंचाया गया और सबूत मिटाए गए। सीबीआई इस दलील का पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने विरोध किया। वहीं सीबीआई से जब कोर्ट ने मेडिकल एग्जामिजेशन रिपोर्ट के बार में पूछा कहां है रिपोर्ट तो सीबीआई ने कहा कि हमारी समस्या ये है कि हादसे के 5 दिन बाद हमें जांच मिली है। इसके साथ ही सीबीआई ने का कि घटनास्थल को नुकसान पहुंचाया गया है। सबूत भी मिटाए गए हैं।
हमने 5वें दिन घटनास्थल पर प्रवेश किया- CBI
वहीं सीबीआई के वकील सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमें आरोपी की मेडिकल जांच रिपोर्ट नहीं दी गई है। इस पर बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह केस डायरी का हिस्सा है और प्रस्तुत किया गया है। एसजी ने कहा कि हमने 5वें दिन घटनास्थल पर प्रवेश किया और सीबीआई जांच शुरु करना एक चुनौती है और अपराध स्थल बदल दिया गया है।
डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो माने जाएंगे अनुपस्थित
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो अनुपस्थित माने जाएंगे। कानून अपने हिसाब से काम करेगा। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना चाहिए। हमने एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई है। डॉक्टरों को ड्यूटी ज्वाइन करनी चाहिए लोग उनका इंतजार कर रहे हैं।