मालदीव ने 28 द्वीपों की व्यवस्था को भारत को सौंपने का फैसला किया है। इन 28 द्वीपों पर अब पानी सप्लाई और सीवर से जुड़ी परियोजनाओं पर काम करने और इसकी देखरेख की जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इसका ऐलान किया है।
पीएम मोदी और भारत का धन्यवाद- मोहम्मद मुइज्जू
सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने लिखा, मालदीव के 28 द्वीरों में पानी और नाले से जुड़ी परियोजनाओं को आधिकारिक तौर पर सौंपे जान के मौके पर डॉक्टर एस जयशंकर से मिलकर खुशी हुई। हमेशा मालदीव की मदद करने के लिए मैं भारत सरकार और खासतौर पर पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं।
Maldives ने भारत को क्यों सौंपे 28 द्वीप?
दरअसल, मालदीव में होटलों और रिसॉर्ट्स के लिए कूड़ा फैंकने के सख्त नियम हैं। होटलों और रिसॉर्ट्स के लिए कचरे को अलग-अलग करना अनिवार्य है। ठोस कचरे को थिलाफुशी द्वीप पर भेजा जाता है, यहां उसे गलाया जाता है। होटलों और रिसॉर्ट्स को ये सुनिश्चित करना होता है कि उनका कचरा सही तरीके से पैक और लेबल किया गया हो, ताकि वो सुरक्षित रुप से थिलाफुशी पहुंचाया जा सके। मालदीव में कूड़ा फेंकने के लिए मुख्य स्थान थिलाफुशी द्वीप है, जिसे अक्सर गारबेज आइलैंड के नाम से जाना जाता है। ये द्वीप माले से करीब 7 किलोमीटर दूर है। 1990 के दशक में कचरा फेंकने के लिए इसे एक लैंडफिल के रुप में विकसित किया गया था, जिसके बाद से मालदीव के दूसरे द्वीपों से कचरा इकट्ठा करके थिलाफुशी में फेंका जाता है। कूड़े के निस्तारण के लिए भारत को टेक्नोलॉजी और वित्तीय मदद देता है।