Big News : जंगल की आग से फिर गई एक और जान, झुलसने से बुजुर्ग महिला की दर्दनाक मौत - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

जंगल की आग से फिर गई एक और जान, झुलसने से बुजुर्ग महिला की दर्दनाक मौत

Yogita Bisht
3 Min Read
जंगल की आग से मौत

उत्तराखंड में जंगलों की आग अब बेकाबू हो रही है। आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच रही है। आग का तांडव इस प्रकार बढ़ रहा है कि अब तक इसमें झुलसने से कई लोगों की मौत हो गई है। रविवार को जंगल की आग के कारण एक और जान चली गई। पौड़ी गढ़वाल के थपली गांव में जंगल की आग की चपेट में आने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई।

जंगल की आग से फिर गई एक और जान

पहाड़ के जंगल आए दिन आग की लपटों से धधकते हुए दिखाई दे रहे हैं। जंगलों की आग को रोकने का प्रयास वन विभाग करने में जुटा हुआ है। लेकिन फिर भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। एक स्थान पर आग बुझाई जाती है तो दूसरे स्थान पर जंगल धधकने की खबरें सामने आ रही हैं।

लेकिन अब जंगल की आग जानलेवा भी साबित हो रही है। पौड़ी गढ़वाल के थपली गांव का हैं जहां के जंगलों में आग लग गई। धीमे-धीमे ये आग की लपटें 65 वर्षीय बुजुर्ग के खेतों मे आ पहुंची। खेत में आग लगी देख बुजुर्ग महिला आग को बुझाने लगी। लेकिन इसी बीच महिला आग की चपेट में आ गई आग की चपेट में आने के कारण वो बुरी तरह से झुलस गई।

झुलसने से बुजुर्ग महिला की दर्दनाक मौत

आनन-फानन में महिला को जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया। महिला ने एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जिलाधिकारी डॉक्टर आशीष चौहान ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जो लोग जंगलों में आग लगाने का प्रयास कर रहे हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं उन्होंने सभी लोगों से आग्रह भी किया है कि उनके आसपास जंगलों या खेतों में आग लगती है तो इसकी सूचना पहले वन विभाग को दें।

जंगल की आग से अब तक चार लोगों की मौत

उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गई है। बीते गुरूवार को अल्मोड़ा के सोमेश्वर के स्यूनराकोट के जंगलों में लगी आग की चपेट में आने से एक नेपाली मजदूर की मौत हो गई थी। जबकि तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायल तीन मजदूरों में से दो मजदूरों ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। रविवार को पौड़ी में बुजुर्ग महिला की मौत के बाद जंगल की आग से मरने वालों का आंकड़ा चार हो गया है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।