Big News : कब बुझेगी जंगलों की आग ?, करोड़ों की वन संपदा जलकर खाक - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कब बुझेगी जंगलों की आग ?, करोड़ों की वन संपदा जलकर खाक

Yogita Bisht
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प्रदेश में कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक जंगलों की आग के कारण हाहाकार मचा हुआ है। कुमाऊं में वनाग्नि की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आ रहीं हैं। आग के कारण पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है। करोड़ों की वन संपदा जलकर खाक हो गई है। आग के धुएं के कारण जनता का सांस लेना मुश्किल हो रहा है।

27 दिन में ही 559 वनाग्नि की घटनाएं आईं सामने

प्रदेश में जंगलों की आग लगातार बेकाबू होते जा रही है। एक स्थान पर आग पर काबू पाया जाता है तो दूसरे स्थान पर आग धधकनी शुरू हो जाती है। वनाग्नि की वजह से जान बचाने के लिए वन्य जीव इधर-उधर भाग रहे हैं। कई स्थानों पर तो जंगल की आग आबादी वाले इलाकों तक पहुंच रही है। अप्रैल के महीने 27 दिन में ही 559 वनाग्नि की घटनाएं सामने आईं हैं।

कुमाऊं में 318 घटनाएं आईं सामने

आपको बता दें कि एक अप्रैल से लेकर 27 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में 559 वनाग्नि की घटनाएं हुई। इनमें कुमाऊं की 318 घटनाएं शामिल है। बीते एक महीने में सबसे ज्यादा आग की घटनाएं कुमाऊं मंडल से ही सामने आई हैं। इस दौरान पूरे प्रदेश में 689 हेक्टेअर वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।

नैनीताल में आग से हाहाकार

नैनीताल वन प्रभाग में सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आ रहीं हैं। बता दें कि नैनीताल जिले के अंतर्गत नैनीताल वन प्रभाग समेत छह वन प्रभाग आते हैं और इसके जंगलों में 15 फरवरी से अब तक 76 घटनाएं हुई है। इसमें करीब 91 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही चंपावत में 37, अल्मोड़ा 43, पिथौरागढ़ जिले में 69, बागेश्वर में 11 और ऊधम सिंह नगर में 41 घटनाएं हुई हैं। 

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।