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भारतीय किसान यूनियन क्रांति ने खोला मोर्चा, माइनिंग चेक पोस्ट पर चल रही अवैध वसूली नहीं होगी बर्दाश्त

Yogita Bisht
3 Min Read
मोर्चा

लक्सर में अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा चयनित कैलाश रिवर बेड मिनरल्स कंपनी द्वारा माईनिंग चेक पोस्ट खोला गया है। जिस पर किसानों व आम आदमियों से खुलकर अवैध वसूली की जा रही है। लोगों से जबरन पैसा वसूला जा रहा है और हथियारों के दम पर अवैध वसूली की जा रही है।

भारतीय किसान यूनियन क्रांति ने खोला मोर्चा

किसानों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आज भारतीय किसान यूनियन क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष ने मौके पर पहुंचकर चेक पोस्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों से बात की तो चेक पोस्ट पर काम कर रहे कर्मचारी किसान यूनियन कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता पर उतर आए। जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन क्रांति कार्यकर्ता भड़क गए और उन्होंने चेक पोस्ट को बंद करने की चेतावनी दे डाली।

अवैध वसूली नहीं की जाएगी बर्दाश्त

भारतीय किसान यूनियन क्रांति के जिला अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बताया कि चेक पोस्ट केवल किसानों व आम आदमी के लिए बनाया गया है यहां से जो बड़े बड़े वाहन 300 कुंटल से भी ज्यादा माल लेकर जा रहे हैं उन वाहनों को यह रोक तक नहीं रहे हैं। अगर आम आदमी या किसान अपने घरेलू निजी कार्य हेतु रेत या बजरी ले जा रहा है तो उसे रोक कर उसके साथ अवैध वसूली की जा रही है जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

आचार संहिता खत्म होने के बाद लेंगे एक्शन

राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सैनी ने बताया कि इस चेक पोस्ट की किसानों द्वारा लगातार शिकायत की जा रही थी कि इस चेक पोस्ट पर लोगो के साथ अभद्रता की जा रही है। लोगों के साथ मारपीट तक हो रही है। यहां बैठे लोग हथियारों के दम पर किसानों व आम आदमी से अवैध वसूली कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिस चेक पोस्ट पर तीन से चार लोगों की तैनाती होती है वहां पर 20 से 25 लोग रह रहे हैं जिनके पास अपने निजी हथियार हैं। जिनके दम पर अवैध वसूली की जा रही है जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभी आचार संहिता लगी है इसलिए इन लोगों से केवल बात की गई है अगर आचार संहिता खत्म होने तक इन लोगों ने अपनी आदतों में सुधार नहीं किया तो हम इस चेक पोस्ट को जबरदस्ती बंद कर देंगे। इसके लिए चाहे हमें जेल जाना पड़े या फिर कुछ भी करना पड़े लेकिन सरकार द्वारा की जा रही इस तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।