Highlight : हरक सिंह रावत की मुश्किलें नहीं हो रही कम, पाखरों रेंज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी, पढ़ें पूरा मामला - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

हरक सिंह रावत की मुश्किलें नहीं हो रही कम, पाखरों रेंज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी, पढ़ें पूरा मामला

Yogita Bisht
5 Min Read
From where will Harak Singh Rawat contest elections? Statement came out, tell me your name
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उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें इन दोनों कम होती हुई नजर नहीं आ रही हैं। एक तरफ जहां ईडी की करवाई और पूछताछ से हरक और उनके करीबियों की मुश्किलें बड़ी हुई हैं तो वहीं दूसरी तरफ पाखरों रेंज में अवैध पेड़ कटान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरक सिंह रावत और वन विभाग के अधिकारी पर तल्ख टिप्पणी की है। जिससे हरक की मुश्किलें और बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।

हरक सिंह रावत की मुश्किलें नहीं हो रही कम

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई पर पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व डीएफओ किशन चंद को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस मामले में पूर्व मंत्री और पूर्व प्रभागीय वन अधिकारी स्वयं को ही कानून समझते थे। उन्होंने कानून की अनदेखी करके पर्यटन को बढ़ावा देने के आड़ में वाणिज्यिक उद्देश्य से पेड़ों की अवैध कटाई और बड़े पैमाने पर इमारतों का निर्माण कराया।

ये एक क्लासिक उदाहरण है कि कैसे राजनेता और नौकरशाह जन विश्वास के सिद्धांत को कचरे के डब्बे में फेंक देते हैं। ये मामला इसका भी उदाहरण है कि कैसे कुछ वाणिज्य और राजनीतिक लोग लाभ के लिए राजनैतिज्ञ और वन अधिकारियों के बीच सांठगांठ होती है और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है।

सीबीआई जांच रहेगी जारी – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में चल रही सीबीआई जांच को जारी रखें और एजेंसी को तीन महीने में रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने टाइगर रिजर्व और टाइगर सफारी के संरक्षण और प्रबंधन के बारे में सुझाव देने के लिए एक समिति का भी गठन किया है। जस्टिस बी आर गवई, प्रशांत मिश्रा और संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी व अन्य टाइगर सफारी के बारे में दिया।

कोर्ट ने कहा क्योंकि मामले की जांच सीबीआई कर रही है इसलिए बहुत ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। लेकिन ये काम केवल दो व्यक्तियों का नहीं हो सकता इसमें अन्य लोग भी शामिल रहे होंगे। कोर्ट ने आदेश में ये भी दर्ज किया है की तत्कालीन वन अधिकारी अपनी पूर्व पोस्टिंग में अनियमितताओं में संलिप्त पाए गए थे। इसलिए अथॉरिटी ने उनकी किसी भी संवेदनशील पद पर नियुक्ति नहीं करने की प्रस्तुति की थी।

हरक सिंह रावत ने की विधायी नियमों की अनदेखी

तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत ने संस्तुतियों को दरकिनार करते हुए किशन चंद को लैंसडाउन डिवीजन में पोस्टिंग दी। कोर्ट ने पूर्व डीएफ और वन मंत्री द्वारा विधायी नियमों की अनदेखी किए जाने पर अचंभा जताया। कॉर्बेट नेशनल पार्क में निर्माण का मामला 2021 का है। उसे समय खड़क सिंह रावत उत्तराखंड के भाजपा सरकार में वन मंत्री थे लेकिन अब वहां कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि कोर्ट के द्वारा जो टिप्पणी की गई है उसका परीक्षण करवाया जा रहा है।

वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण महारा का कहना है कि उन्हें भी मालूम हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसमें तल्ख टिप्पणी की है, और अगर प्रकृति के साथ छेड़छाड़ हुई है तो यह ठीक नहीं है। कोर्ट के द्वारा सरकार को समय दिया गया है कि वो इस पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट करें ऐसे में देखना ही होगा कि सरकार क्या कुछ तर्क कोर्ट में देती है।

हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ती आ रही नजर

पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को कभी शेर ए गढ़वाल कहा जाता था लेकिन भाजपा छोड़ने के बाद उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। सीबीआई और ईडी का कसता शिंकजा हरक सिंह रावत के राजनैतिक कैरियर भी संकट खड़े करता हुआ नजर आ रहा है। तो वहीं सुप्रीम कोर्ट में अवैध पेड़ कटान के मामले में चल रही सुनवाई से भी हरक सिंह रावत की मुश्किलें तल्ख टिप्पणी के बाद बढ़ती हुई देखी जा रही है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।